कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान को क्यों कहा – “मजबूर मुख्यमंत्री” 

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लम्बे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) कल 3 जनवरी को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार (Cabinet Expension) करने जा रहे है। इस विस्तार में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक दो विधायक, पूर्व मंत्री तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silavat) और गोविन्द सिंह राजपूत  (Govind Singh Rajput) को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) मंत्री पद की शपथ दिलाएंगी। ख़ास बात ये निकल कर सामने आ रही है कि इन दोनों मंत्रियों के पास वही विभाग रहेंगे जो इनके पास पहले थे। कांग्रेस ने इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) पर निशाना साधा है और उन्हें मजबूर मुख्यमंत्री (Forced Chief Minister) कहा है।
मंत्रिमंडल विस्तार की ख़बरों के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ( KK Mishra) ने ट्वीट (Tweet) कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) पर निशाना साधा है। केके मिश्रा ने ट्वीट किया – “सुना है कल MP में कल दो मंत्री लेंगे शपथ, (बे)चारे तपस्वी MLA बजाएंगे ताली! एक तरफ छोटे भूमाफिया हो रहे हैं ध्वस्त “सबसे बड़े मस्त”! राजस्व मंत्रालय की फ्रेंचाइजी फिर उन्हें,परिवहन भी! वे किसी भी दल में रहें यह विभाग उन्हें ही मिलेंगे, गजट में प्रकाशन हो जाना चाहिए? CM मजबूत नहीं,मजबूर?

ज्ञात हो कि इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expension) को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) दिल्ली का दौरा कर चुके हैं और इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) से 1 महीने के भीतर उनकी 4 बार मुलाकात हो चुकी है। वहीँ सूत्रों की माने तो शुक्रवार सुबह ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने मंत्रिमंडल विस्तार की अनुमति दी है। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि शिवराज कैबिनेट में अभी 6 पद खाली है लेकिन सिंधिया समर्थक दो मंत्रियों का इन पर नाम तय माना जा रहा है। जिसमें गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) और तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silavat) के नाम पर मुहर लग चुकी है।

गौरतलब है कि उपचुनाव (By Election के नतीजे आए डेढ़ महीने से अधिक का समय हो चुका है लेकिन शिवराज कैबिनेट (Shivraj Cabinet) का विस्तार नहीं हो पाया है। इसका एक कारण सिंधिया समर्थित हारे हुए नेताओं को कहीं और एडजस्ट करना है। वहीँ बीजेपी खाते से कई नाम ऐसे है जो मंत्रिमंडल में जगह पाने के हक़दार है। अब ऐसे में किन नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जाती है। यह अभी चर्चा का विषय है। वहीँ सीएम शिवराज के सामने चुनौती होगी कि वह कैबिनेट की बची  हुई सीटों पर सिंधिया समर्थकों को शामिल करते हैं या बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट विस्तार में जगह देंगे


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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