50 Year Government Bond: सरकारी बॉंड्स को निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प माना जाता है। इसमें न सुरक्षा बल्क अच्छे रिटर्न की गारंटी भी मिलती है। बदलते समय के साथ निवेशकों का रुझान भी इसकी तरफ बढ़ा है। भारत सरकार 50 सालों में मैच्योर होने वाला बॉन्ड लाने की तैयारी में जुटी है। देश में पहली बार इतनी लंबी अवधि के लिए सरकारी बॉन्ड जारी किया जाएगा। कुल 300 अरब रुपये के बॉन्ड जारी होंगे, जो सरकार के कुछ बॉरोइंग का 5% है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी बिक्री अक्टूबर से फरवरी के बीच होगी।
अल्ट्रा-लॉंग टर्म बॉन्ड लाने की वजह
देश में बीमा और पेंशन की बढ़ती मांगों की पूर्ति करने के लिए अल्ट्रा-लॉंग मैच्योरिटी लोन की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए 50 वर्ष के बॉन्ड आरबीआई द्वारा बेचे जाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए Borrowing Plan के मुताबिक नया बॉन्ड 30 से 40 साल की अवधि के कर्ज को जोड़ता है, जिससे देश के यील्ड कर्व में भी वृद्धि होगी।
30 वर्षीय बॉन्ड के यील्ड में गिरावट
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अर्थशास्त्री गौरव सेन गुप्ता के अनुसार संगठित क्षेत्र के विस्तार के साथ-साथ निवेशकों की मांग बढ़ रही है। लोग अपनी बचत का बड़ा हिस्सा जीवन बीमा, पेंशन और प्रोविडेंट फंड में लगाते हैं। सरकारी कर्ज का एक चौथाई हिस्सा जीवन बीमा कंपनियों ने पास है, जिससे देश का Yield Curve काफी हद्द तक प्रभावित हुआ। इतना ही नहीं इस 30 साल के बॉन्ड का यील्ड 0.11% घटकर 7.34% तक दर्ज किया गया है। यह रिकॉर्ड बॉरोइंग के लिए बॉन्ड पर निर्भरता कम करने में भी सरकार की सहायता करेगा।