Baba Kalyani Case: देश के एक और उद्योगपति परिवार का नाम अब चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल कुछ समय पहले तक सिंघानिया और गोदरेज परिवार के बारें में लोगों में चर्चा की जा रही थी। वहीं अब कल्याणी परिवार की चर्चा हर तरफ की जा रही है। जिनके बिजनेस की दुनिया में भारत फॉर्ज जैसी महत्वपूर्ण कंपनियों को शामिल किया हैं। लेकिन अब इस परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति का विवाद अदालत के समक्ष तक जा पहुंचा है।
बाबा कल्याणी ने रखा अपना पक्ष:
वहीं इस घमासान के बीच, भारत फॉर्ज लिमिटेड के चेयरमैन और उद्योगपति बाबा कल्याणी ने अपनी बहन के बच्चों द्वारा किए गए दावों के खिलाफ अदालत में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने फाइल किए गए एफिडेविट में इस दावे को खारिज किया है और कहा है कि उनका भांजा समीर हीरेमठी और उनकी भांजी पल्लवी हीरेमठी कल्याणी जॉइंट फैमिली के सदस्य नहीं हैं।
क्या थी भांजे-भांजी की कोर्ट से मांग?
दरअसल पहले बाबा कल्याणी के भांजे और भांजी, समीर और पल्लवी ने कोर्ट में एक अनुरोध दर्ज कराया था। उन्होंने अस्थायी राहत की मांग की थी, जिसमें उन्होंने बाबा कल्याणी से जुड़े संपत्तियों के बेचने, स्थानांतरण, पोजीशन डिलीवरी, तृतीय पक्ष के अधिकार विलय आदि संबंधित लेन-देनों पर रोक लगाने के लिए अनुरोध किया था।
दोनों पक्ष ने कोर्ट में रखी अपनी दलीलें:
जानकारी के अनुसार पहले समीर और पल्लवी ने अपनी मांगों को कोर्ट के सामने रखा और उनके वकीलों ने कोर्ट में कल्याणी परिवार की संपत्तियों के बंटवारे के लिए दलीलें पेश कीं। इन दलीलों के अनुसार, कल्याणी की संपत्ति में उनका भी हिस्सा बताया है और इसलिए उन्हें इस संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए। इसके बाद कल्याणी परिवार के चेयरमैन बाबा कल्याणी ने अपनी पक्ष रखने के लिए एक एफिडेविट फाइल कर दी, जिसमें उन्होंने यह तर्क दिया है कि समीर और पल्लवी को कल्याणी परिवार की संपत्तियों में कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वे हीरेमठ परिवार के सदस्य हैं।
जानिए क्या है यह विवाद?
दरअसल आपको बता दें कि पिछले साल से एक विवाद चल रहा है जो कल्याणी समूह और हीरेमठ परिवार के बीच मुद्दा है। इस विवाद की शुरुआत केमिकल कंपनी हिकल पर कंट्रोल के बारे में हुई थी। कल्याणी समूह के पास आठ लिस्टेड कंपनियां हैं, जिनमें से एक है भारत फॉर्ज लिमिटेड। इन कंपनियों की सम्मिलित मार्केट कैप 75,600 करोड़ रुपये है, जबकि भारत फॉर्ज का मार्केट कैप 58,105 करोड़ रुपये है। इसमें कल्याणी परिवार के पास 45.25 फीसदी हिस्सेदारी है।