Bank FD: ग्राहकों की हुई मौज, ये बैंक एफडी पर दे रहा 9.5% का ब्याज, उठायें इन 2 योजनाओं का लाभ

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Bank FD: बचत के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद ही अच्छा विकल्प माना जाता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अप्रैल में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन इसके बावजूद कई बैंकों ने एफडी की ब्याज दरों में इजाफा किया है। वहीं कुछ बैंक पहले से ही एफडी पर आकर्षक ब्याज दे रहे हैं। इनमें से एक यूनियन स्मॉल फाइनेन्स बैंक (Union Small Finance Bank) है। बैंक अपनी स्पेशल एफडी स्कीम्स पर 9.5 फीसदी तक का इंटरेस्ट दे रहा है।

1001 दिनों की एफडी पर 9.50 फीसदी का ब्याज

यूनियन स्मॉल फाइनेन्स बैंक 1001 दिनों वाली एफडी पर समान्य ग्राहकों 9 फीसदी का बया दे रहा है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 9.50 फीसदी ब्याज का लाभ मिलेगा। बैंक के अन्य एफडी योजनाओं पर भी आकर्षक ब्याज मिल रहा है।

501 दिनों की एफडी भी है खास

501 दिनों वाली फिक्स्ड डिपॉजिट योजना पर समान्य ग्राहकों 8.75 फीसदी ब्याज का लाभ मिलेगा। वहीं इस योजना के लिए वरिष्ठ नागरिकों को 9.50 फीसदी इंटरेस्ट मिल रहा है।

ये दो बैंक भी दे रहे हैं एफडी पर शानदार ब्याज

अन्य कई बैंक भी एफडी पर 9 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेन्स बैंक 700 दिनों की एफडी पर समान्य ग्राहकों को 8.25 फीसदी का ब्याज दे रहा है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 9 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। इसके अलावा इक्विटास स्मॉल फाइनेन्स बैंक अपनी 888 दिनों की एफडी पर समान्य ग्राहकों के लिए ब्याज दरें 8.5 फीसदी है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को इस स्कीम पर 9% इंटरेस्ट का लाभ मिलेगा।

(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News किसी योजना और एफडी में निवेश करने की सलाह नहीं देता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News