नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पब्लिक प्रोविडेन्ट फंड (PPF) और सुकन्या समृद्ध योजना (Sukanya samariddh Yojana) में बड़ा बदलाव इस महीने हुआ है। 1 सितंबर से PPF और सुकन्या समृद्ध योजना में बदलाव हो चुके हैं। यदि आप भी सरकार की इन योजनाओं से जुड़े हैं तो यह खबर आपके लिए काम की साबित हो सकती है। सुकन्या समृद्ध योजना भारत सरकार की योजना है, जो देश की बेटियों के लिए चलाई जाती है। वहीं PPF को आप किसी भी बैंक में खोलकर इसमें निवेश कर सकते हैं, इसकी ब्याज दर 7.10% है। इसमें भी आपको टैक्स की छूट मिलती है।
सुकन्या समृद्ध योजना
सुकन्या समृद्ध योजना में 1000 रुपये निवेश करने पर 7.6% का ब्याज मिलता है। वहीं यदि आप 10 लाख का भी निवेश करते हैं तो आपको इतनी ही ब्याज दर मिलती है। इस योजना में कई पोस्ट ऑफिस स्कीम और बैंक योजना से ज्यादा का रिटर्न मिलता है। निवेशक चेक, कैश और डिमांड ड्राफ्ट के जरिए इस योजना का भुगतान कर सकते हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपके पास बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, पता और अभिभावक होने की आइडेंटिटी होना अनिवार्य होगा।
योजना की मैच्योरिटी आपके बेटी 21 साल की उम्र पूरी होते ही हो जाती है। हालांकि 18 साल के बाद बेटियाँ अकाउंट से पैसे निकाल सकती हैं। जहां पहले केवल एक परिवार की दो बेटियों को इस स्कीम के तहत टैक्स से छूट मिलती थी, लेकिन अब नियमों में बदलाव हो चुके हैं। नए निययमों के तहत यदि जुड़वा बेटियाँ एक ही परिवार में होती हैं, तो दोनों का अकाउंट टैक्स फ्री होगा।
PPF में बदलाव
पब्लिक प्राइवेट फंड में भी कई बदलाव हुए हैं। इस सरकारी योजना के तहत निवेशकों को लोन की सुविधा भी मिलती हैं। हर महीने पैसे जमा करने पर काफी अच्छा रिटर्न मिलता है। योजना से जुड़े बदलावों को पॉइंट में देख सकते हैं।
- नए नियमों के तहत अब महीने में एक बार ही पैसे जमा होंगे। निवेशक 50 रुपये के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं। सालाना राशि कम से कम 500 रुपये होनी चाहिए।
- यदि 15 साल तक निवेश करने के बाद आप अकाउंट में निवेश करने के लिए इच्छुक नहीं तो बिना पैसा जमा किए आप अकाउंट ऐक्टिव रख सकते हैं।
- PPF लोन के नियम भी बदल चुके हैं। पीपीएफ अकाउंट में लोन लेने की एक सीमा होती है। निवेशक लोन आवेदन की तारीख से 2 साल पहले के खाते में टोटल बैलेंस के 25% तक ही लोन ले सकते हैं। वहीं PPF लोन के ब्याज दरों में भी कमी की गई है। हाल ही में ब्याज दर को 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है।