Digital Currency: भारत में पहली बार डिजिटल करेंसी का सफलतापूर्वक पायलट परीक्षण किया गया है। जिसके बाद देश के 4 शहरों में खुदरा डिजिटल रुपया भी लॉन्च कर दिया गया। इस लिस्ट में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों में मौजूद कुछ चुनिंदा बैंकों की तरफ से करीब 1.71 करोड़ रुपये के डिजिटल रुपये की मांग की गई थी, जिसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ई-रुपये को जारी किया।
कुछ अधिकारियों के मुताबिक बढ़ती जरूरतों के साथ ई-रुपये की रकम में भी वृद्धि हो सकती है। बता दें की 1 नवंबर को आरबीआई ने थोक इस्तेमाल के लिए भारत के पहले डिजिटल रुपये को लॉन्च किया था। जिसके एक महीने बाद ही सेंट्रल बैंक ने खुदरा ई-रुपया का परीक्षण भी शुरू कर दिया है। फिलहाल, देश में क्रिप्टोकरेंसी और यूपीआई समेत कई डिजिटल प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध है। जिसके कारण कई लोगों को ई-रुपया के इस्तेमाल को लेकर कन्फ़्युजन भी हो रही है।
ई-रुपये का इस्तेमाल
दरअसल, ई-रुपया एक डिजिटल टोकन पर आधारित होगा, जिसे जारी करने का अधिकार केवल आरबीआई के पास होगा। इसका मूल्य आम नोटों के समान ही होगा। केन्द्रीय बैंक नोट की तरह इसे भी 500, 200, 50, 100 और 2000 समेत अन्य डोमिनेशन के रूप में जारी कर सकता है।
अब बात यूपीआई और ई-रुपये मे अंतर की करें तो UPI का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को बैंक के खाते में पेपर नोट की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस सिस्टम में ऐसा नहीं होगा। डिजिटल करेंसी की पूरी प्रक्रिया ब्लॉकचेन पर काम करेगी, जो यूजर्स को सुरक्षा देगी। आप डायरेक्ट अपने ई-वॉलेट में ई-रुपये पा सकते हैं। इसका इस्तेमाल पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेन्ट भी हो सकता है।