E-Commerce Companies: एफएसएसएआई ने ई-कॉमर्स कंपनियों को दिया निर्देश, हेल्थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर अब कुछ भी नहीं बेच सकेंगी कंपनियां!

E-Commerce Companies: सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को एफएसएसएआई ने निर्देश दिया है कि उन्हें अब अलग-अलग ड्रिंक्स के लिए अलग-अलग सेगमेंट बनाने होंगे। दअसल एफएसएसएआई ने कंपनियों को कहा है कि हेल्‍थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर हर तरह के जूस को नहीं बेचा जा सकता है।

Rishabh Namdev
Published on -

E-Commerce Companies: हेल्‍थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बेचे जा रहे जूस पर एफएसएसएआई ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर सख्ती करने का फैसला किया है। जानकारी के अनुसार सरकार की और से सख्ती दिखाते हुए अब ई-कॉमर्स वेबसाइटों को निर्देश जारी किया गया है कि कंपनियों को हर तरह के जूस, हेल्‍थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर कुछ भी नहीं बेचने चाहिए। जानकारी के अनुसार इसको लेकर मंगलवार को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि कंपनियां अपनी वेबसाइट पर बिकने वाले फूड प्रोडक्ट्स का सही तरीके से सेगमेंट बनाए। दरअसल एफएसएसएआई का कहना है कि कंपनियों द्वारा प्रोडक्ट के सही सेगमेंट में नहीं बनाने से कस्टमर्स गुमराह हो जाते हैं।

हर ग्रोसरी स्टोर पर ये ड्रिंक्स उपलब्ध:

दरअसल नीलसन आईक्यू के डेटा के मुताबिक, कोका कोला (Coca-Cola), पेप्सिको (PepsiCo) और हेल (Hell) जैसी बड़ी कंपनियां अपनी एनर्जी ड्रिंक्स को अन्य कंपनियां जैसे रेड बुल (Red Bull) और मॉनस्टर (Monster) के मुकाबले ज्यादा रेट पर सेल कर रही हैं। वहीं हर ग्रोसरी स्टोर पर ये ड्रिंक्स उपलब्ध हैं। दरअसल डेटा के अनुसार लगभग 50 फीसदी सालाना की दर से एनर्जी ड्रिंक की सेल बढ़ रही है। दरअसल सबसे बड़ी चिंता युवा है। जानकारी के अनुसार युवाओं में इसकी खपत चिंताजनक रूप से बढ़ती हुई दिख रही है। दरअसल कई शोध में इसके स्वास्थ्य पर कई गंभीर असर होने के मामले सामने आए हैं।

हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक के नाम से नहीं बेच सकेंगे:

वहीं अब इस विषय पर एफएसएसएआई गंभीर दिखाई दे रहा हैं। दरअसल एफएसएसएआई के मुताबिक, ‘अब प्रॉपराइटरी फूड लाइसेंस के तहत आने वाले अनाज बेस्ड, डेयरी बेस्ड और माल्ट बेस्ड पदार्थों को ई-कॉमर्स वेबसाइट पर हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक के नाम से नहीं बेच सकेंगे।’ दरअसल इसको लेकर एफएसएसएआई ने साफ कर दिया है कि अब सभी कंपनियों को इसके लिए एक अलग से कैटेगरी बनानी होगी। जानकारी के अनुसार एफएसएस एक्ट 2006 के तहत कहीं भी हेल्थ ड्रिंक को परिभाषित नहीं किया गया है।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News