Go first cash crunch : हालांकि कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) बोली को प्रोटेक्टेड और कॉन्फिडेंशियल रखती है। वहीं इसको लेकर बिजी बी एयरवेज के मेजोरिटी शेयरहोल्डर निशांत पिट्टी ने बताया की, ‘एयरलाइन शुरू करने के लिए हमारी बोली सफल बोलीदाता की घोषणा होने तक कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) प्रोटेक्टेड और कॉन्फिडेंशियल रखती है।’ इसीलिए इसमें निवेश के इस प्लान में गो फर्स्ट एयरलाइन के ऑपरेशन को फिर से शुरू करने के लिए एडिशनल फंड लगाना शामिल है।
बैंकों का 6521 करोड़ रुपए बकाया:
गो फर्स्ट एयरलाइंस पर लेंडर्स का कुल बकाया 6521 करोड़ रुपए है। एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का सबसे ज्यादा 1,987 करोड़ रुपए का एक्सपोजर है, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,430 करोड़ रुपए, डॉयचे बैंक का 1,320 करोड़ रुपए और IDBI बैंक का 58 करोड़ रुपए बकाया है।
फ्लाइट्स को सस्पेंड करने का निर्णय:
वहीं इसकी जानकारी गो फर्स्ट एयरलाइंस ने 2 मई को देते हुए बताया था कि वो 3, 4 और 5 मई के लिए एयरलाइंस द्वारा अपनी सभी फ्लाइट कैंसिल की जा रही है। गौरतलब है की इसके बाद एयरलाइंस गो फर्स्ट की सस्पेंड डेट लगातार आगे बढ़ा दी गई।
2004 में हुई थी एयरलाइन की शुरुआत:
दरअसल गो फर्स्ट वाडिया ग्रुप की एक बजट एयरलाइन है जिसकी शुरुआत 29 अप्रैल 2004 को हुई थी। जानकारी के अनुसार नवंबर 2005 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए इसकी पहली फ्लाइट ऑपरेट की गई थी। वहीं एयरलाइन के बेड़े में तकरीबन 59 विमान शामिल हैं।