नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। लगातार बढ़ रही महंगाई (Inflation) पर रोक लगाने के लिए सरकार ने हाल ही में बड़ा फैसला लिया है। गेहूं के आटे के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जिसकी वजह से सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया। निर्णय के बाद गेहूं के आटे के निर्यात पर रोक लगाई जा सकेगी, जिससे इसके दामों में भी कमी आएगी और कमजोर आर्थिक स्थिति के लोगों तक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। निर्णय के संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशालय एक अधिसूचना भी जारी करेगा।
बता दें कि रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक देश हैं। वैश्विक निर्यात में इन दोनों देशों की एक चौथाई हिस्सेदारी है। फिलहाल दोनों देशों में हुए युद्ध की वजह से गेहूं की आपूर्ति प्रभावित हुई है और इसकी मांग बढ़ गई है। मांग बढ़ जाने की वजह से घरेलू बाजार में कीमतें उछाल पर हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मई के महीने में गेहूं निर्यात पर रोक लगाई थी। लेकिन इसकी वजह से गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल देखा गया था।
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अप्रैल लेकर जुलाई तक सालाना आधार पर 200% गेहूं के आटे का निर्यात बढ़ गया है। इससे पहले निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्लान नहीं था। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और कीमतों पर लगाम कसने के लिए नीति में सुधार किए जाने की बात कही जा रही थी।
कुछ समय पहले यह खबर भी सामने आई थी कि भारत सरकार गेहूं के आयात का प्लान बना रही है। लेकिन सरकार ने इस बात का खंडन करते हुए बताया था कि गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है क्योंकि हमारे पास पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। पिछले सीजन के दौरान मौसमी मार के चलते गेहूं उत्पादन में कमी देखी गई थी। इसी के बाद यह खबर फैली थी कि विदेशों से गेहूं आयात किया जाएगा, क्योंकि उत्पादन कम हुआ है। लेकिन सरकार ने इस बात को नकार दिया था।
रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। युद्ध के चलते बने अनिश्चितता के माहौल को देखते हुए जमाखोरी की आशंका बढ़ने की वजह से इस पर रोक लगाई गई थी।