Income Tax New Rule : इनकम टैक्स विभाग ने किया इन नियमों में बदलाव, 1 अक्टूबर से होंगे लागू, यहां पढ़े नए नियम, जानें क्या मिलेगा लाभ?

Pooja Khodani
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Income Tax donation Rules : अगर आप इनकम टैक्स पेयर है और मंदिर और अस्पताल में दान देने जा रहे है तो पहले इनकम टैक्स विभाग के नए नियम जान लें। अक्टूबर 2023 से  धार्मिक संस्थानों को दिए जाने वाले दान के नियमों में इनकम टैक्स विभाग बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत अब धार्मिक संस्थान या फिर अस्पताल को लोगों को या फिर दानकर्ता को जानकारी देनी होगी कि वो उन्होंने दान की राशि कहां खर्च की है।

इनकम टैक्स के अनुसार  अब जो भी टैक्सपेयर इन संस्थानों में दान का जिक्र करेगा, उसे आईटीआर में भी बताना होगा कि उसने जिस मंदिर को दान किया है वो धार्मिक गतिविधियों में लगी है या फिर धर्मार्थ गतिविधियां करती है इसलिए ऐसे टैक्स पेयर्स को धार्मिक और धर्मार्थ गतिविधियों का अंतर जान लेना जरूरी है।

2 लाख रु. से ज्यादा के दान पर नियम

धार्मिक संस्थानों से जुड़े दान के नए नियम अक्टूबर 2023 से लागू हो जाएंगे। नए नियमों के तहत अब धर्मार्थ संस्थाओँ को ऐसे सभी लोगों की जानकारी भी देनी होगी जो उन्हें दो लाख रु. से ज्यादा का दान देते हैं यानि इसमें वे दानकर्ता शामिल होंगे जिन्होंने 2 लाख रुपये से ज्यादा का दान दिया है। धार्मिक संस्थान को दानकर्ता का नाम, पता,पैन नंबर आदि जानकारी भी देनी होगी। इस जानकारी में दान देने वाले व्यक्ति का नाम, उनका पता और पैन नंबर की जानकारी देना जरूरी होगा।

80 जी के तहत बदले रजिस्ट्रेशन के नियम

सरकार ने हाल ही में टैक्स छूट के तहत दावा करने वाले इनकम टैक्स एक्ट के तहत 80जी में रजिस्ट्रेशन करने वालों के लिए नियमों को थोड़ा बदल दिया है। ये सभी नियम इसी साल अक्टूबर माह से बदल जाएंगे,जिसमें  2C, 11AA और 17A  भी आएंगे।इन सभी फॉर्म में अंत में दी गई अंडरटेकिंग भी थोड़ी बदल चुकी है।

क्या हैं धर्मार्थ संस्थान?

धार्मिक गतिविधियों से जुड़े संस्थानों के अलावा धर्मार्थ संस्थानों में वो संस्थान आएंगे जो धार्मिक ट्रस्ट, अस्पताल या शिक्षा से जुड़े संस्थान चलाते हैं।  ये छूट तब ही मिलेगी जब इन संस्थानों का रजिस्ट्रेशन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में होगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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