देश का उम्मीदों का बजट (Budget 2025) 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। बजट की पूरी तैयारी हो चुकी है। शुक्रवार की शाम हलवा सेरेमनी के साथ ही वित्त मंत्री ने बजट की “पोथी” तैयार करने के संकेत दिए। अब 1 फरवरी को यह “पोथी” खोली जाएगी और 1 फरवरी को वित्त मंत्री द्वारा बजट पढ़ा जाएगा।
भारतीय परंपरा के अनुसार हर शुभ काम की शुरुआत मिठाई से की जाती है, इसलिए बजट (Budget 2025) से पहले हर बार हलवा सेरेमनी की जाती है। इस हलवे को बजट बनाने वाले स्टाफ और अधिकारियों के बीच बांटा जाता है। इसके बाद ही बजट तैयार किया जाता है।
क्यों अहम होता है बजट (Budget 2025)?
भारतीय परंपरा के अनुसार इस सेरेमनी में वित्त मंत्री और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी शामिल होते हैं। इसी के तहत शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हलवा सेरेमनी के दौरान बजट प्रिंट (Budget 2025) करने वाले सभी अधिकारियों और स्टाफ को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर वित्त सचिव तुहीन कांत पांडे, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद थे। बजट कई मामलों में अहम होता है। बजट से कुछ दिन पहले ही शेयर बाजार पर दबाव देखा जाने लगता है, जबकि बजट के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। मिडिल क्लास से लेकर अपर क्लास तक के नागरिक बजट से उम्मीद लगाए रहते हैं। बजट ही तय करता है कि क्या महंगा होगा और क्या सस्ता।
1 फरवरी तक बाहरी दुनिया से अलग रहेंगे बजट (Budget 2025) बनाने वाले स्टाफ और अधिकारी
बजट (Budget 2025) देश की इकोनॉमी को मजबूत करता है। इस बार के बजट पर सभी देशवासियों की उम्मीदें टिकी हैं। हालांकि इसका खुलासा 1 फरवरी को ही होगा। शुक्रवार को हुई हलवा सेरेमनी के बाद बजट बनाने वाले स्टाफ और अधिकारी 1 फरवरी तक बाहरी दुनिया से अलग रहेंगे। सभी अधिकारी और स्टाफ नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रहेंगे। यहां से न वे बाहर जा सकेंगे और न ही किसी संचार माध्यम के जरिए संपर्क कर सकेंगे। इसका कारण बजट की गोपनीयता बनाए रखना है। दरअसल, बजट में कई महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं, जिनसे इकोनॉमी को नुकसान पहुंच सकता है। गलत हाथों में पहुंचने पर इसका दुरुपयोग हो सकता है। इसलिए, बजट पेश किए जाने तक बजट बनाने वाले अधिकारी और स्टाफ को बाहरी दुनिया से अलग रखा जाता है।