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Mon, Dec 15, 2025

करदाता ध्यान दें, ITR भरना होगा आसान, बचेगा समय, उठाएं ई-पे टैक्स फीचर का लाभ, जानें इस्तेमाल का सही तरीका

ई-पे टैक्स फीचर टैक्सपेयर्स के लिए काम का साबित हो सकता है। इसके मदद से आईटीआर प्रोसेस आसान बनाया जा सकता है। आइए जानें इस सुविधा का लाभ कैसे उठाएं?
करदाता ध्यान दें, ITR भरना होगा आसान, बचेगा समय, उठाएं ई-पे टैक्स फीचर का लाभ, जानें इस्तेमाल का सही तरीका

ITR e-Pay Tax Feature: सभी करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना महत्वपूर्ण होता है। वित्तवर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई 2025 तक आईटीआर फाइल किया जा सकता। वेतनभोगियों के लिए फॉर्म 16 जून में जारी होने वाला है। इससे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा शुरू किए गए ई-पे टैक्स फीचर के बारे जानना जरूरी होता है। इसके जरिए आईटीआर प्रक्रिया पहले से भी ज्यादा आसान हो जाएगी

“ई-पे टैक्स” इनकम टैक्स विभाग का पेमेंट गेटवे है, जो टैक्स पेमेंट प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसकी मदद से नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, यूपीआई और एनईएफटी/आरटीजीसी जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए टैक्स का भुगतान किया जा सकता है। इतना ही पेमेंट हिस्ट्री को रिकॉर्ड करना भी आसान होगा।

ऐसे करें ई-पे टैक्स फीचर का इस्तेमाल 

  • सबसे पहले इनकम टैक्स www.incometax.gov.in पोर्टल पर जाएं।
  • जरूरी विवरण दर्ज करके लॉग इन करें। नए यूजर्स पहले रजिस्ट्रेशन करें।
  • होम पेज क्विक लिंक के ऑप्शन में जाकर “ई पे टैक्स ऑप्शन” को चुनें।
  • अब नया पेज खुलेगा। यहाँ पैन कार्ड नंबर और एक्टिव मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  • मोबाइल नंबर 6 अंकों का ओटीपी जाएगा। इसे दर्ज करके वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करें।
  • पैन कार्ड डिटेल और नाम स्क्रीन पर नजर आएगा। इसकी पुष्टि करके आगे बढ़े।
  • पेमेंट मोड को चुनें। सही वित्त वर्ष और टैक्स हेड के ऑप्शन को सेलेक्ट करें।
  • टैक्स राशि को दर्ज करें। नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड या किसी भी पेमेंट मेथड को चुनें।
  • अब “Pay Now” के ऑप्शन पर क्लिक करें।

ई-पे टैक्स के फायदे 

इस फीचर को कर भुगतान के लिए सुरक्षित और आसान प्रक्रिया माना जाता है। इसमें ट्रांजैक्शन फेल होने की संभावना भी बहुत कम होती है। जमा की गई राशि सीधा आयकर विभाग तक पहुँचती है। समय पर टैक्स पेमेंट करने से दंडात्मक शुल्क और ब्याज से बचा जा सकता है। इसकी मदद से एडवांस टैक्स, रेगुलर असेस्मेंट टैक्स, सेल्फ असेस्मेंट टैक्स और जुर्माने, ब्याज और बकाया कर का भुगतान आसानी से किया जा सकता है। इससे इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करते समय कोई परेशानी नहीं होती। समय की बचत भी होती है।