बिजनेस के लिए छोड़ी माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी, आज बन चुकें हैं हजारों करोड़ की कंपनी के मालिक, पढ़ें पियूष बंसल की Success Story

पियूष 2007 में US की एक माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में बहुत ही अच्छे पैकेज पर नौकरी कर रहे थे, लेकिन वह कुछ डिफरेंट करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इंडिया वापस लौटने का फैसला लिया

Sanjucta Pandit
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Peyush Bansal Success Story

Peyush Bansal Success Story : सफलता पाने की जिद में कई बार इंसान कुछ ऐसे बड़े रिक्स ले लेता है जो बड़ा इतिहास बन जाता है। ऐसी ही स्टोरी आज हम आपको Lenskart कंपनी के को-फाउंडर पियूष बंसल की बताएंगे, जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़कर खुद का स्टार्टअप किया। उसमें उन्होंने काफी रिस्क ली और आज वह एक सफल बिजनेसमैन बन चुके हैं। उनकी कंपनी आज ग्लोबल मार्केट में मल्टीनेशनल कंपनीज को टक्कर दे रही है। फिलहाल, पीयूष सोनी टीवी पर टेलीकास्ट होने वाले शार्क टैंक इंडिया 3 में बतौर जज नजर आ रहे हैं। तो चलिए आज हम आपको पीयूष की दिलचस्प स्टोरी बताते हैं कि आखिर उन्होंने इतनी बड़ी सफलता कैसे हासिल की।

बिजनेस के लिए छोड़ी माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी, आज बन चुकें हैं हजारों करोड़ की कंपनी के मालिक, पढ़ें पियूष बंसल की Success Story

छोड़ी माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी

दरअसल, कंपनी की शुरुआत 2010 में हुई थी। वर्तमान की बात करें तो यह हजारों करोड़ रुपए की हो चुकी है। पीयूष के मिशन और विजन ने कंपनी को आज यह सफलता दिलाई है। पियूष 2007 में US की एक माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में बहुत ही अच्छे पैकेज पर नौकरी कर रहे थे, लेकिन वह कुछ डिफरेंट करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इंडिया वापस लौटने का फैसला लिया और नौकरी छोड़कर आ गए। इस फैसले पर उनकी फैमिली और दोस्तों ने नाराजगी भी जताई, लेकिन वह वापस जाने को तैयार नहीं हुए।

पहले मार्केट को समझा

उन्होंने बिजनेस करने के लिए मार्केट को समझना शुरू कर दिया। इसके लिए वह क्लासिफाइड वेबसाइट सर्च माय कैंपस की शुरूआत की। जिसमें स्टूडेंट्स को किताब, पार्ट टाइम जॉब जैसी चीज ढूंढने में मदद की जाती थी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 3 साल काम करने के बाद उन्होंने कस्टमर के बिहेवियर और उनकी जरूरत को रीड किया। इस 3 साल के समय में उन्होंने अलग-अलग वेबसाइट लॉन्च किया। जिसमें सबसे अधिक रिच आईवेयर वेबसाइट को मिली और यही से उनकी लेंसकार्ट कंपनी की शुरुआत हुई।

ये पॉलिसी आई काम

पीयूष ने कस्टमर को उनकी रेंज में अच्छे प्रोडक्ट्स बेचने शुरू किए। उन्होंने ऑफलाइन मार्केट तो किया ही। साथ में उन्होंने ऑनलाइन मार्केट पर भी अपने प्रॉडक्ट्स बेचे। उनके यूनिक कांसेप्ट को बहुत ही जल्दी इन्वेस्टर्स मिलने लगे। क्योंकि वह अपने कस्टमर को नो क्वेश्चन एस्क्ड रिटर्न पॉलिसी दे रहे थे। जिसके तहत, कस्टमर चश्मा ना पसंद आने पर 14 दिन के अंदर उसे वापस लौटा सकता था। इसके लिए उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जाता। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने अपने कस्टमर के लिए अलग से कॉल सेंटर भी बनाया, जहां पर वो अपने सवाल पूछ सकते थे। इस विजन पर उनकी पब्लिसिटी काफी ज्यादा बढ़ती गई और आज वह एक ब्रांड के रूप में उभर चुकी है। अब लेंसकार्ट का चश्मा देश के हर गली मोहल्ले तक पहुंच चुका है।

पीयूष की नेटवर्थ

वहीं, पीयूष के नेटवर्थ की बात करें तो वह अरबों रुपये के मालिक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्लोबल कंपनी के 70 लाख से ज्यादा ग्राहक है। कंपनी के कुल 1100 स्टोर्स हैं, जिसमें 300 लोग काम करते हैं। साल 2019 में लेंसकार्ट 1.5 अरब की वैल्यूएशन वाली कंपनी बन गई थी और 2021 आते-आते कंपनी की वैल्यूएशन 2.5 अरब हुई जोकि अब बढ़कर 4.5 अरब डॉलर से भी अधिक पहुंच गई है। वहीं, वर्तमान में कंपनी का रेवेन्यू 1,502 करोड रुपए पहुंच चुका है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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