भारत सरकार के उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने अब उपभोक्ताओं को बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल मंत्रालय ने जेनरेटिव आई आधारित वर्चुअल अस्सिटेंट विकसित किया है, जिसकी मदद से अब उपभोक्ताओं को घर बैठे अपनी शिकायत का आसानी से समाधान मिल सकेगा। दरअसल कई बार कंपनियां ग्राहकों को सर्विस के नाम पर धोखा देती है। कंपनियों का वादा खरा नहीं उतरता है, जिसके चलते उपभोक्ता परेशान होते हैं और उपभोक्ता मंत्रालय का दरवाजा खटखटाते हैं।
लेकिन कई बार मंत्रालय से मदद मिलने में समय लग जाता है, लेकिन अब मंत्रालय ने बड़ा निर्णय लेते हुए एक जेनरेटिव आधारित वर्चुअल सिस्टम असिस्टेंट बनाया है, जो उपभोक्ताओं की जल्द से जल्द मदद कर सकेगा और कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले धोखे पर लगाम लगा सकेगा।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को मंत्रालय ने आसान बनाया
अक्सर कई कंपनियां ग्राहकों को भ्रमित करके फायदा उठाती है। अच्छी क्वालिटी बताकर ग्राहकों को नकली सामान भेज देती है, जिसके चलते ग्राहक परेशान होते हैं। वहीं अब ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को मंत्रालय ने और भी आसान बनाते हुए मैसेजिंग प्लेटफार्म गपशप की मदद ली है। इसकी मदद से ग्राहक उपभोक्ता अपने मोबाइल से ही शिकायत कर सकेंगे। हालांकि ग्राहकों को मोबाइल नंबर से खुद को ऑथेंटिकेट करना आवश्यक होगा। इसके बाद में वे जागृति से बात कर सकेंगे। जागृति एक वर्चुअल अस्सिटेंट है, जागृति ग्राहकों की शिकायत एक मिनट से भी कम समय में दर्ज कर लेगा। वहीं जागृति उपभोक्ताओं की आवाज को भी पहचानेगा। जिसके चलते अगर उपभोक्ता बाद में अपने शिकायत का स्टेटस जानना चाहते हैं, तो जागृति द्वारा उसे बताया जाएगा।
उपभोक्ताओं को मिलेगी बड़ी मदद
उपभोक्ता मंत्रालय का यह कदम बेहद सराहनीय माना जा रहा है। दरअसल कई बार कंपनियां उपभोक्ताओं को चूना लगा देती है। वहीं अब इस कदम से उपभोक्ता आसानी से कम समय में मामलों की शिकायत कर सकेंगे। इस बड़े कदम को नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन 2.0 का नाम दिया गया है। नए सिस्टम के चलते अब अलग-अलग भाषाओं में चैटबॉट का उपाय भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही जागृति द्वारा समाधान स्टेटस को भी ट्रैक किया जाएगा। जिससे उपभोक्ता आसानी से जान सके कि उनके शिकायत का स्टेटस क्या है।