नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। तीनों घरेलू एडवाइजरी फर्मों ने विजय शेखर शर्मा को पेटीएम के सीईओ और एमडी के रूप में फिर से नियुक्त करने के खिलाफ अपनी सिफारिशें दी हैं। कंपनियों ने इसके लिए अलग-अलग कारण बताए हैं। इन तीन एडवाइजरी फर्मों स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विसेज (एसईएस), इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (आईआईएएस) और इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज शामिल है।
इस दौरान सिर्फ पेटीएम समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी मधुर देवड़ा ने उनकी नियुक्ति का समर्थन किया। विजय शेखर शर्मा पेटीएम के फाउंडर भी है।
इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (आईआईएएस) ने 9 अगस्त को अपनी रिपोर्ट में कहा कि शर्मा ने कंपनी को लाभदायक बनाने के लिए अतीत में कई प्रतिबद्धताएं की थीं, लेकिन ये कभी पूरी नहीं हुईं। आईआईएएस ने कहा कि उसका मानना है कि बोर्ड को प्रबंधन को पेशेवर बनाने पर विचार करना चाहिए। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर की कीमत ₹2,150 के निर्गम मूल्य से 63.6% गिर गई, जिससे शेयरधारकों काफी नुकसान हुआ है।
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कंपनी ने वित्तीय वर्ष (Financial Year) 2022 में ₹1,200 करोड़ के नकद नुकसान की भी सूचना दी, वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में घाटा अधिक है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “यदि वह प्रबंध निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद गैर-कार्यकारी पद पर बने रहते हैं, तो उन्हें (शर्मा) बोर्ड का स्थायी दर्जा मिल जाएगा।”
आईआईएएस ने शर्मा के FY23 पारिश्रमिक (remunieration) का अनुमान लगाया है, जो 796.28 करोड़ रूपये है, जिसमें 9 रुपये के एक्सरसाइज मूल्य पर 2.1 करोड़ स्टॉक विकल्प शामिल हैं जो अनुदान की तारीख पर बाजार मूल्य पर एक गहरी छूट है। आईआईएएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि शर्मा को पूरे स्टॉक ऑप्शन पूल का 46.5% दिया गया, जो कि बकाया शेयर पूंजी के 3.2% के बराबर है।