Demat account charges: आपको यह जानकारी होगी ही कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी होता है। दरअसल अगर आपके पास डीमैट अकाउंट नहीं है, तो ऐसे में आप शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं कर पाएंगे। हालांकि पहले के समय में शेयर की बिक्री कागजों पर की जाती थी। जानकारी दे दें कि पहले के समय में शेयर बाजार डाक्यूमेंट्स पर काम करता था। लेकिन अब मॉडर्न समय के साथ बाजार भी अपडेट हो चुका हैं। यानि अब शेयरों की बिक्री और खरीदी आपके डीमैट अकाउंट से ही हो जाती हैं।
अब डीमैट अकाउंट खोलना हुआ बहुत आसान:
दरअसल आज के समय में डीमैट अकाउंट खोलना बहुत सरल है। जानकारी दे दें कि कई डिस्काउंट ब्रोकर्स मिनटों में आपके घर पर ही इस सेवा का लाभ देते हैं। हालांकि, इसे खोलने से पहले, आपको डीमैट अकाउंट में लगने वाले विभिन्न शुल्कों के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। सामान्यतः, पहली बार में आपको एक फिक्स चार्ज देना होता है, जो आमतौर पर कम होता है।
जानें कितना लगता है चार्ज?
जानकारी के अनुसार आपके डिपॉजिटरी डीमैट अकाउंट को मेंटेन करने के लिए मेंटनेंस चार्ज लिया जाता है, दरअसल जिसे एनुअल फी भी कहा जा सकता है। इस चार्ज की बात की जाए तो यह अमूमन 300 से 800 रुपये के बीच सालाना होती है। लेकिन आपके डीमैट अकाउंट होल्डर को आपको ट्रांजेक्शन चार्ज भी देना पड़ता है, जिसका मतलब है कि स्टॉक सिक्योरिटी को खरीदने या बेचने पर इस चार्ज का भुगतान करना होता है। यह चार्ज अलग-अलग ब्रोकरेज फर्मों में भिन्न होता है।
छोटे निवेशकों को कई तरह के चार्जेज से मुक्ति:
दरअसल डीमैट अकाउंट एक विशेष प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट होता है, जिसमें शेयरों या प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रहित कर लिया जाता है। जिसके बाद इन शेयर्स को सुरक्षित रखने का काम डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट का बन जाता है, हालांकि इसे सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा चार्ज के रूप में नंबर ऑफ सिक्योरिटी पर शुल्क वसूलते हैं। यहां यह भी जान लेना महत्वपूर्ण है कि छोटे निवेशकों को कई तरह के चार्जेज से मुक्ति मिलती है। भारतीय सेबी की निर्देशिका के अनुसार, 50,000 रुपये या उससे कम बैलेंस वाले बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट में निवेशकों को मेंटनेंस चार्ज में शुल्क नहीं देना होता है।