RBI Action: दिसंबर महीने की शुरुआत होते ही आरबीआई की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो सहकारी बैंकों पर भारी जुर्माना लगाया है। वहीं एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन लेंडिंग संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में रद्द कर दिया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय बैंक ने 2 दिसंबर सोमवार को दी है।
हरियाणा में स्थित द पंचकूला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और पंजाब के पटियाला में स्थित सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पिछले साल नाबार्ड द्वारा किए गए वैधानिक निरीक्षण के दौरान दिशा-निर्देशों के अनुपालन में खामियों का खुलासा हुआ। जिसके बाद रिजर्व बैंक ने दोनों बैंकों को नोटिस भी जारी किया। उनसे पूछा कि “उन पर जुर्माना क्यों ना लगाया जाए?” नोटिस पर आए जवाब और जांच के बाद ही मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया।
बैंकों के किया इं नियमों का उल्लंघन (RBI Monetary Penalty)
केन्द्रीय बैंक के बयान के मुताबिक ये दोनों बैंक निर्धारित समय के भीतर पात्र दावा न की गई राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में ट्रांसफर करने में विफल रहें। आरोपी की पुष्टि होने के बाद आरबीआई ने यह एक्शन लिया। हालांकि इस कार्रवाई का प्रभाव ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते पर नहीं पड़ेगा।
इस कंपनी पर चला आरबीआई का डंडा (NBFC CoR Cancelled)
ज़ेवरन फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, सीताबुलडी, महाराजबाग, महाराष्ट्र का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन आरबीआई ने रद्द कर दिया है। 3 अगस्त 2018 को एनबीएफसी को लाइसेंस जारी किया गया था। इस कंपनी ने अपने डिजिटल ऋण परिचालन में वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग की आचार संहिता पर आरबीआई के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया, जिसमें क्रेडिट मूल्यांकन, ब्याज दर तय करने, ऋण वितरण, केवाईसी सत्यापन प्रक्रिया इत्यादि कार्य शामिल हैं। इतना ही नहीं ऋण सेवा प्रदाताओं पर उनकी क्षमता, सुरक्षा और आंतरिक नियंत्रण अंतिम लाभकारी मालिकों, राष्ट्रीयता/ शेयर धारिता पैटर्न इत्यादि का आकलन करने के लिए उचित परिश्रम करने में भी यह कंपनी विफल रही। ग्राहक डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी से संबंधित एलएसपी तैनात द्वारा सुरक्षा प्रथाओं/नियंत्रण प्रक्रियाओं की समय-समय पर समीक्षा करने में भी कंपनी विफल रही। कंपनी ने स्थानीय भाषा में लोन एग्रीमेंट और समझौते पत्र प्रीति उपलब्ध नहीं करवाई, जिससे निष्पक्ष व्यवहार संहिता पर आरबीआई के दिशा निर्देशों का उल्लंघन हुआ।