मार्च में अब तक रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया कई बैंकों और एनबीएफसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर चुका है। उन पर मौद्रिक जुर्माना लगा चुका है। होली से पहले एक बार फिर आरबीआई का एक्शन सामने आया है। केंद्रीय बैंक ने दो नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों पर लाखों का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने दोनों ही एनबीएफसी 3 मार्च 2025 को पेनल्टी से संबंधित आदेश जारी किया था।
आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड 3.10 लाख रुपये और एक्सपेरियन क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी ऑफ़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 2 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। दोनों ही कंपनियों पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।

कंपनियों पर लगे ये आरोप
जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में किसी भी संबंधित पार्टी लेनदेन का खुलासा नहीं किया। वहीं एक्सपेरियन क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने क्रेडिट सूचना के संबंध में विसंगति के बारे में क्रेडिट संस्थाओं का अनुरोध प्राप्त होने की तारीख से सातवें दिन तक सूचना नहीं भेजी। कंपनी ने ना तो क्रेडिट सूचना को अपडेट या सुधार किया और ना ही उधारकर्ताओं को अपडेट/सुधार के लिए अनुरोध प्राप्त होने के 30 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर ऐसा करने के लिए अपने असमर्थता के बारे में सूचित किया।
आरबीआई ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस
मार्च 2023 में हुए एक निरीक्षण के दौरान कंपनियों द्वारा नियमों में अनदेखी का पता चला था। इसके बाद आरबीआई ने एनबीएफसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस पर प्रतिक्रिया प्राप्त होने और आगे की जांच के बाद आरोपों की पुष्टि होने पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया। हालांकि इस कार्रवाई का प्रभाव कंपनियों द्वारा हो रहे लेनदेन या समझौते पर नहीं पड़ेगा।