व्यापार, डेस्क रिपोर्ट। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एक बयान जारी कर भारतीय निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि “क्रिप्टोकरेंसी एक जाल है जिसमें निवेशकों की रकम को निश्चित ही खतरा हो सकता है”। इतना ही नहीं उन्होंने डिजिटल करेंसी के खतरे को न केवल निवेशकों के लिए बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया है।
कुछ समय पहले जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी पर लगाया बैन हटाया गया था उस समय क्रिप्टो निवेशकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था। भारतीय निवेशकों की पसंदीदा क्रिप्टो भी एक दम आकाश की तरफ दौड़ लगाने लगे। इसके बावजूद आरबीआई बार बार डिजिटल करेंसी को लेकर निवेशकों को चेतावनी देता आ रहा है।
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डिजिटल करेंसी को लेकर भारत में अभी तक ना ही कोई कानून है और ना ही इसे देखने के लिए स्टॉक मार्केट जैसे कोई रेगुलेटर (SEBI) है, जिसके चलते आरबीआई और सरकार दोनों ही क्रिप्टो बाज़ार के एक्सपर्ट से लगातार संपर्क कर इसके लिए नियम कानून बनाकर इसमें मौजूद जोखिमों पर लगातार चर्चा कर रहे हैं।
हालांकि बात करें गवर्नर शक्तिकांत दास की भारतीय अर्थव्यस्था को लेकर तो वे भारत के विकास को लेकर काफी पॉजिटिव हैं। उनका मानना है की कोविड जैसी स्थिति में भी भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों के मुताबिक मजबूत बनी रही और आने वाले समय के विदेशी निवेश से निश्चित ही भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।
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बात करें क्रिप्टो करेंसी की तो लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की क्रिप्टो मार्केट में इस समय बिटकॉइन, इथेरियम, शीबा इनु, करेंसी का बोलबाला है। बात करें बिटकॉइन की तो पिछले कुछ समय में लगभग आधे से ज्यादा गिरी कीमत का यह कॉइन वापस अपनी ऊंचाइयों को हासिल कर चुका है। बात करें शीबा इनु की तो अभी हाल ही में इसने लगभग निवेशकों को 15 गुना से ज्यादा पैसा कमवाया और यही कारण रहा कि क्रिप्टो भारतीय बाज़ार में एक दम से इतना लोकप्रिय हो गया।
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लोकप्रियता की बात एक ओर सही हो सकती है, फिर भी भारत के सर्वोच्च बैंक के गवर्नर की बात निश्चित ही गौर करने योग्य होना चाहिए। उम्मीद की जा रही है की जल्द ही भारतीय सरकार और आरबीआई क्रिप्टो मार्केट के लिए किसी रेगुलेटर को नियुक्त कर निवेशकों के पैसे की सुरक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठाएंगे।