एक्शन मोड में RBI, ठोका 3 बैंकों और इंडिया होम लोन लिमिटेड पर भारी जुर्माना, ये है वजह, पढ़ें पूरी खबर 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नियमों का उल्लंघन करने वाले 3 बैंकों और एक कंपनी पेनल्टी ठोकी है। आइए जानें केंद्रीय बैंक की कार्रवाई के पीछे क्या वजह है?

Manisha Kumari Pandey
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RBI Action: नियमों का उल्लंघन होने पर आरबीआई हमेशा सख्त कदम उठाता है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने तीन सहकारी  बैंकों और इंडिया होम लिमिटेड (मुंबई,महाराष्ट्र) पर  भारी जुर्माना लगाया है।  इस बात की जानकारी केंद्रीय बैंक ने सोमवार को दी है। इंडिया होम लोन लिमिटेड पर 1 लाख रुपए की पेनल्टी ठोकी गई है। कंपनी पर नेशनल हाउसिंग बैंक द्वारा जारी  किए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने में असफल होने का आरोप है।

इन बैंकों पर लगा जुर्माना 

  • आरबीआई ने आंध्र प्रदेश के ओंगोल में स्थित प्रकाशम जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लिमिटेड पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। आदेश अनुसार बैंक पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप है।
  • कर्नाटक के हुबली में स्थित विश्व कल्याण सहकार सहकार बैंक नियमित पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
  • उड़ीसा में स्थित अंगुल यूनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपए की पेनल्टी ठोकी गई है। इस बैंक पर केवाईसी से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।

ये है वजह 

प्रकासम जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लिमिटेड नाबार्ड को धोखाधड़ी की सूचना देने में देरी की। इस बात का खुलासा वैधानिक निरीक्षण के दौरान हुआ। निर्देशों का पालन न करने के पर्यवेक्षी  निष्कर्ष के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था। बैंक द्वारा दिए गए जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद ही आरबीआई ने मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। कल्याण सरकार बैंक नियमित पर विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) और प्रतिपक्ष शोखिम सीमा का पालन न करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। अंगुल यूनाइटेड सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड अपडेशन के लिए जोखिम आधारित दृष्टिकोण की प्रणाली को लागू करने में विफल  रहा। वहीं इंडिया होम लोन लिमिटेड पर निर्धारत ऋण मूल्य (एलटीवी) अनुपात से अधिक ऋण स्वीकृत करने का आरोप साबित होने के बाद आरबीआई ने पेनल्टी ठोकी है।

ग्राहक पर नहीं पड़ेगा असर

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई बैंक और कंपनी द्वारा विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य बैंक या कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है।

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