RBI Rules: भारतीय रिजर्व बैंक में मनी ट्रांसफर के संबंधित गड़बड़ी और धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। 1 अप्रैल से नया सिस्टम लागू होने जा रहा है। इस संबंध में केंद्रीय बैंक में सर्कुलर जारी किया है।
नई प्रणाली के तहत ग्राहकों को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम (एनएफटीएस) के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने से पहले बैंक खाते का नाम सत्यापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। इससेके समय सुरक्षा बढ़ेगी।। केन्द्रीय बैंक ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) को सत्यापन सुविधा डेवलप करने का निर्देश भी दिया गया है।
यूजर्स होगा लाभ, जानें कैसे (New Money Transfer System)
नई व्यवस्था आरटीजीएस या एनईएफटी यूजर्स के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। नए सिस्टम तहत यूजर्स को पैसे ट्रांसफर करने से पहले लाभार्थी के खाते का नाम पुष्टि करने की इजाजत मिलेगी। प्रेषक को ट्रांजेक्शन शुरू करने से पहले लाभार्थी के बैंक खाते के नाम की दोबारा जांच करने का मौका भी मिलेगा। प्रेषक द्वारा प्रदान किए गए अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड के आधार पर लाभार्थी बैंक के कोर बैंकिंग समाधान से नाम प्राप्त किया जाएगा। लाभार्थी का नाम दिखाया पाएगा, जिसके बाद यूजर्स पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे। यदि कुछ मामलों में लाभार्थी का नाम नहीं मिलता है तो यूजर्स को ट्रांजेक्शन रोकने या इसे आगे बढ़ाने का विकल्प मिलेगा।
बैंकों के निर्देश जारी (RTGS and NFTS System)
आरबीआई ने नए सिस्टम को लेकर उन सभी बैंकों को नोटिस जारी किया है, जो आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। ताकि उपयोगकर्ताओं को 1 अप्रैल से वेरिफिकेशन सेवा का लाभ मिल सके। इस सर्विस के लिए ग्राहकों से कोई भी चार्ज बैंक द्वारा नहीं लिया जाएगा। सभी यूजर्स के लिए यह सुविधा फ्री होगी।