रुपये को मजबूत बनाने के लिए RBI ने उठाया बड़ा कदम, विदेशी लेन-देन के लिए डॉलर नहीं रुपये का होगा इस्तेमाल

Manisha Kumari Pandey
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। डॉलर के मुकाबले लगातार रुपये (Rupee) की कीमत गिरती जा रही है, जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। यूक्रेन और रूस के बीच युध्द शुरू होने के कारण रुपये की कीमत में और भी अधिक वृद्धि हुई, वहीं भारत में महंगाई दर भी अपने रिकार्ड तोड़ते नजर आई। इन्ही समस्याओं का समाधान निकालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक अहम कदम उठाया है। आरबीआई फिलहाल रुपये से आयात और निर्यात करने वाले सिस्टम पर काम कर रहा है।

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यह सिस्टम दुनिया में लगातार रुपये की गिरते महत्व को देखते हुए बनाया जा रहा है जो भारत में महंगाई को भी कम करेगा। इस सिस्टम के तहत डॉलर का दबदबा इंटरनेशनल मार्केट में कम होगा और रुपये की वैल्यू बढ़ेगी। जब भी अमेरिका किसी देश को बैन करता है तो इसका असर भारत पर भी पड़ता है। हाल में देखा गया जब अमेरिका ने ईरान पर बैन लगाया तो भारत को कच्चा तेल खरीदने में कितनी कठिनाई हुई। वहीं रूस पर बैन लगने के करण भारत की कई कंपनियाँ उत्पाद खरीदने में असफल रही। लेकिन आरबीआई के इस नए सिस्टम से अन्य पश्चिमी देशों पर प्रतिबंध लगने के बावजूद भारत पर कोई खास असर नहीं होगा और आयात-निर्यात जारी रहेगा।

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रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने यह दावा किया है की यह नया ट्रेडिंग सिस्टम फ़ॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) पर आधारित होगा। इस सिस्टम के जरिए आने वाले समय में सभी प्रकार के विदेशी लेन-देन रुपये से किए जाएंगे ना की डॉलर। रुपये की कीमत ट्रेड से जुड़े देश की मुद्रा पर आधारित होगी। इसके लिए भारत में अधिकृत बैंकों को वॉस्ट्रो अकाउंट खोलने की इजाजत दी जाएगी। साथ ही ट्रेड से जुड़े देश भी बैंक के साथ मिलकर वॉस्ट्रो अकाउंट खुलवा पाएंगे और इसी अकाउंट से भुगतान भी होगा।


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