Saving Scheme: बच्चों के लिए खास है ये सरकारी स्कीम, रोजाना करें मात्र 6 रुपये की बचत, बनेगा लाखों का फंड

Manisha Kumari Pandey
Published on -
mutual fund scheme

Money Saving Scheme: माता-पिता को अक्सर अपने बच्चों के भविष्य की चिंता होती है। इसलिए वे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए प्लानिंग शुरू कर देते हैं। महंगाई दिन-प्रतिदिन आसमान छू रही है, खाने-पीने से लेकर स्कूल-कॉलेज तक सब महंगा हो चुका है। ऐसे में यदि सही बचत न की जाए तो आर्थिक तंगी बच्चों के करियर की बाधा बन सकती है। इन्हीं समस्याओं से राहत दिलाने के लिए भारत सरकार बच्चों के लिए खास स्कीम चला रही है, जिसका नाम ” बाल जीवन बीमा योजना (Bal Jeevan Bima Yojana) है।

स्कीम के बारे में जानें

बाल जीवन बीमा योजना का संचालन पोस्ट ऑफिस के द्वारा होता है। जिसमें निवेश करने अभिभावक अपने बच्चों को वित्तीय सुरक्षा सुनश्चित करते हैं। 5-20 आयुवर्ग स्कीम का लाभ उठा सकता है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के अभिभावक पॉलिसी नहीं खरीद सकते हैं। मैच्योरिटी से पहले अभिभावक की मृत्यु होने पर बच्चे का प्रीमियम माफ कर दिया जाता है। मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक प्रीमियम भुगतान की सुविधा मिलती है। इसका लाभ केवल एक परिवार में दो बच्चों को ही मिलता है।

ये रहा कैलकुशन

इस स्कीम के तहत 180 रुपये से लेकर 540 रुपये तक का मासिक प्रीमियम भुगतान किया जाता है। इस हिसाब से 5 वर्षों के लिए पॉलिसी लेने पर रोजाना 6 रुपये और 20 वर्ष के लिए पॉलिसी लेने पर रोजाना 18 रुपये की बचत करनी होगी। मैच्योरिटी पर 1 लाख रुपये तक का सम एश्यॉर्ड मिलता है। 1000 रुपये के सम एश्यॉर्ड पर सलाना 48 रुपये का बोनस भी मिलता है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News किसी भी स्कीम में निवेश की सलाह नहीं देता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News