Supreme Court On Patanjali Ayurveda: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ एक्शन लिया है।स्वास्थ्य संबंधित विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही पतंजलि आयुर्वेद और उसके एमडी आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस (Contempt Notice) जारी किया है और जवाब मांगा है।
3 हफ्ते के भीतर कंपनी ने मांगा जवाब
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका को लेकर यह आदेश जारी किया है। याचिका में आईएमए ने कंपनी पर कोविड वैक्सीन से संबंधित गलत सूचना फैलाना और गलत दवाइयों को लेकर विज्ञापनों प्रकाशित करने का आरोप लगाया है।
पतंजलि आयुर्वेद को जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी। इससे पहले नवंबर 2023 में भी SC ने कंपनी को झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को लेकर आगाह किया था और बीमारियों के इलाज का झूठा दावा करने पर प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी।
कोर्ट ने कहा- देश को गुमराह किया जा रहा है
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुल्लाह की बेंच ने पतंजलि पर पहले आदेशों का अनुपालन न करने की आलोचना भी है। बेंच ने कहा, “सरकार अपनी आँखें मूँद कर बैठी है। ऐसे विज्ञापनों से पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है। जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।” SC ने कंपनी को तत्काल प्रभाव से भ्रामक जानकारी देने वाले उत्पादों के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिन्ट विज्ञापनों को बंद करने का निर्देश जारी किया है। जस्टिस ए अमानुल्लाह ने कहा, “आज मैं वास्तव में सख्त आदेश पारित करने जा रहा हूँ।”