Monetary Penalty: इन दो बैंकों ने किया नियमों का उल्लंघन, RBI ने ठोका करोड़ों का जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं? पढ़ें खबर

आरबीआई ने दो बैंकों पर करीब 1 लाख 90 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह कार्रवाई क्यों की है और क्या ग्राहकों पर इसका असर पड़ेगा?

Manisha Kumari Pandey
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RBI Imposed Monetary Penalty: नियमों का उल्लंघन करने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने दो बैंकों पर भारी जुर्माना ठोका है। आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (1) के साथ पठित 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत बैंकों के खिलाफ एक्शन लिया है। इस बात की जानकारी केन्द्रीय बैंकों ने मंगलवार को दी है।

इस बैंक पर लगा 1.3 करोड़ से अधिक का जुर्माना

13 मार्च को जारी एक आदेश द्वारा तमिलनाडु मर्केन्टाइल बैंक लिमिटेड पर रिजर्व बैंक ने 1 करोड़ 31 लाख 80 हजार रुपये की पेनल्टी लगाई है। यह बैंक एमएसएमई को कुछ फ्लोटिंग रेट लोन पर ब्याज दर को बाहरी बेंचमार्क उधार दर पर बेंचमार्च करने में विफल रहा। बैंक द्वारा एक ही लोन कैटेगरी के भीतर कई बेंचमार्क अपनाए गए। उन Loans पर लागू वास्तविक बेंचमार्क दर के संदर्भ में कुछ फ्लोटिङ दर ऋणों का मूल्य निर्धारित करने में भी बैंक विफल रहा। इसके अलावा बैंक द्वारा CRILC को कुछ उधारकर्ताओं की बाहरी रेटिंग की गलत सूचना दी गई।

DCB बैंक लिमिटेड पर चला आरबीआई का डंडा

फिक्स्ड डिपॉजिट पर आकर्षक ब्याज प्रदान करने वाले DCB बैंक लिमिटेड पर आरबीआई नने 63 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह बैंक कुछ MCLR से जुड़े फ्लोटिंग रेट एडवांस में निर्धारित आवधिकता पर ब्याज दरों को रिसेट करने में विफल रहा है। साथ ही बैंक एमएसएमई को कुछ फ्लोटिंग रेट खुदरा लोन और फ्लोटिंग रेट लोन की ब्याज दर को बाहरी बेंचमार्क उधार दर पर बेंचमार्क नहीं कर पाया।

क्या ग्राहकों पर भी पड़ेगा असर?

यदि आपका भी इन बैंकों में खाता है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि बैंकों के खिलाफ यह कारवाई नियमों के अनुपालन में की गई कमियों पर आधारित है। बैंक और ग्राहक के बीच हो रहे लेनदेन और समझौते पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।


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