केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, UPI लेनदेन पर मिलेगा पैसा, इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी, इन यूजर्स को होगा लाभ 

अब यूपीआई लेनदेन पर ईनाम मिलेगा। इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी मिल चुकी है। कुछ शर्तें लागू होंगी। आइए जानें किन लोगों को लाभ होगा?

Manisha Kumari Pandey
Published on -

UPI Incentive Scheme: यूपीआई यूजर्स के लिए बड़ी खबर सामने है। 19 मार्च बुधवार को  केंद्र कैबिनेट ने यूनीफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दे दी है। यह कदम सरकार ने देश में डिजिटल भुगतान और कैश-लैस इकॉनोमी  को बढ़ावा देने के लिए उठाया है। स्कीम का उद्देश्य यूपीआई को टियर 3 से 6 शहरों और खासकर ग्रामीणों क्षेत्रों तक पहुंचाना है।

योजना से छोटे व्यापारियों को लाभ होगा। 2000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर प्रोत्साहन राशि यानि इंसेंटिव दिया जाएगा। हालांकि छोटे व्यापारियों और बैंकों के लिए कुछ शर्तें भी लागू होंगी। इससे यूपीआई123PAY और यूपीआई लाइट को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस स्कीम को कम वैल्यू वाले भीम यूपीआई ट्रांजेक्शन पर्सन टू मर्चेन्ट (P2M) को प्रमोट किया जाएगा। योजना के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सरकार ने वित्तवर्ष 2024-25 में कुल 20 हजार करोड़ ट्रांजेक्शन का लक्ष्य तय किया है।

स्कीम के तहत होने वाले लाभ

सभी यूपीआई लेनदेन पर ज़ीरो पर्सेंट मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट (MDR) लागू होगा। हर 2000 रुपये के लेनदेन पर छोटे मर्चेंट्स को 0.15% इंसेंटिव सरकार की ओर से मिलेगा। हालांकि बड़े मर्चेन्ट को प्रोत्साहन का लाभ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं यदि लेनदेन की राशि 2 हजार रुपये से अधिक होती है, तब ज़ीरो इंसेंटिव/ज़ीरो MDR प्रभावी होगा। इस योजना से आम नागरिकों के लिए डिजिटल क्रेडिट एक्सेस आसान होगी। न ही यूपीआई यूज के लिए कोई एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा।  

बैंकों को कैसे मिलेगा योजना का फायदा?

यूपीआई इंसेंटिव स्कीम के तहत बैंकों को 80% इंसेटिव बिना किसी शर्ते के दी जाएगी। हालांकि 20% इंसेंटिव के लिए कुछ शर्तें लागू हीनगी। इन्हें 10% इंसेंटिव के लोए तकनीकी असफलता दर (Technical Decline) 0.75% से कम रखना होगा। बाकी के 10% के लिए सिस्टम अपटाइम 99.5% से अधिक रखना होगा।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News