भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कॉलेज (MP College) में प्रिंसिपल (principal) के लिए उच्च शिक्षा विभाग (higher education department) द्वारा गाइडलाइन (guideline) जारी कर दी गई है। जारी गाइडलाइंस के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि शासकीय कॉलेज (Government college) में यदि प्रिंसिपल पर स्थित है अथवा प्रिंसिपल लंबी छुट्टी पर है तो ऐसे में किस प्रोफ़ेसर को प्रिंसिपल का पदभार दिया जा सकता है। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए विज्ञप्ति जारी की है। जिसमें उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश 15 फरवरी को जारी करते हुए नई गाइडलाइन तय कर दी गई है।
नवीन आदेश के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कहा गया कि कॉलेज में यदि लंबे समय से प्रिंसिपल का पद रिक्त है। ऐसा प्राचार्य लंबे अवकाश पर चले गए हैं तो ऐसे में कॉलेज के सबसे सीनियर प्रोफेसर और असिस्टेंट ऑफिसर को प्राचार्य पद का प्रभार सौंपा जा सकता है। इसके लिए उन्हें पदभार क्षेत्रीय संचालक द्वारा दिया जाएगा।
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इतना ही नहीं आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि किसी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर प्रोफेसर उपलब्ध नहीं होते हैं तो जिले के अंदर नजदीक वाले की कॉलेज के किसी भी सीनियर प्रोफेसर/असिस्टेंट ऑफिसर को उसके कॉलेज का प्रिंसिपल इंचार्ज नियुक्त किया जा सकता है।
वही यदि ऐसी भी स्थिति संभव नहीं हो तो नए आदेश के मुताबिक अतिरिक्त संचालक द्वारा प्रस्ताव तैयार कर उच्च शिक्षा आयुक्त को अनुमोदन हेतु भेजना होगा। अतिरिक्त संचालक द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर कमिश्नर हायर एजुकेशन के अप्रूवल के बाद ही किसी को प्रिंसिपल इंचार्ज नियुक्त किया जा सकता है।
उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिस भी कॉलेज में प्राचार्य नहीं है तो प्राचार्य लंबी छुट्टी पर हैं। ऐसे किसी भी कॉलेज में किसी भी समय प्राचार्य की पदस्थापना की जा सकती है अथवा नए प्राचार्य पद का प्रभार किसी अन्य को सौंपा जा सकता है।