भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के निजी कॉलेज (MP College) में पढ़ाने वाले शिक्षकों (Teacher) के लिए बड़ी खबर दरअसल हाईकोर्ट बीते दिनों प्राइवेट कॉलेज (private college) में पढ़ाने वाले शिक्षकों के अनुदान को लेकर सुनवाई की थी। इस बार मध्यप्रदेश शासन को निर्देश दिया गया है। नए निर्देश के मुताबिक निजी कॉलेजों के शिक्षकों को भी सातवें वेतनमान (7th pay commission) की समस्या का समाधान करने की बात कही गई है। जिसके बाद माना जा रहा है कि जल्द ही निजी कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा सकता है।
वहीं मध्यप्रदेश शासन को दिए निर्देश में अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने आदेश जारी करते हुए जल्द से जल्द अशासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों को भी सातवें वेतनमान की समस्या का तुरंत निराकरण करने के निर्देश प्रदान किए हैं। वहीं यदि प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों के भी अनुदान को 6th पे कमिशन से बढ़ाकर सातवें वेतनमान की तरफ ले जाता है तो शिक्षकों के वेतन में भारी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। मध्य प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल रहा है।
वहीं निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब तक छठे वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। जिसमें मध्यप्रदेश शासकीय महाविद्यालय में प्राध्यापक संघ द्वारा हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई थी। मध्यप्रदेश शासकीय महाविद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ ज्ञानेंद्र त्रिपाठी और डी एम जैन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक शैलेश कुमार जैन ने याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस अतुल श्रीधरन ने 2014 में मध्य प्रदेश विद्युत सांसारिक अली के मामले में दिए निर्देश और न्याय के आधार पर आवेदन पर फैसला लेने की बात कही है।
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बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से कहा जा रहा है कि सभी शासकीय कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। वही शासकीय कॉलेजों की तरह भी निजी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय मैं भी नियुक्त हुए शिक्षकों को विश्वविद्यालय अधिनियम कॉल कॉलेज कोड 28 के तहत ही नियुक्तियां होती है। जिसके बाद निजी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के शिक्षकों को भी सातवें वेतनमान का लाभ मिलना चाहिए।
इससे पहले 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने और शासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों को भी छठे वेतनमान (6th pay scale) का लाभ देने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षकों और कर्मचारियों को भी सरकारी कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारी के समान वेतन दिया जाना चाहिए। जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में राजस्थान के अनुदान से 75 निजी कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। इससे पहले निजी विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय के शिक्षकों द्वारा आवेदन देकर उच्च शिक्षा विभाग से सातवें UGC वेतनमान दिए जाने की मांग की गई थी।