Sarva Pitru Amavasya 2024: हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को “सर्व पितृ अमावस्या” रूप में मनाया जाता है। श्राद्ध, दान और तर्पण के लिए इस दिन का बेहद ही विशेष महत्व होता है। यह श्राद्ध पक्ष के समापन का अंतिम दिन होता है। इसे महालय के नाम से भी जाना जाता है।
इस साल 2 अक्टूबर को कई शुभ योगों के साथ सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन कुछ उपाय को करना बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है।
इन चीजों का दान करें
सर्व पितृ अमावस्या के दिन गरीबों और जरूरतमंदों के बीच दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन कंबल, दर्पण, पंखा, औषधि, टोपी, धनिया, तिल, वस्त्र। लवण, धन, पलंग, जूते-चप्पल छाता इत्यादि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। पितर खुश होते हैं और सफलता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
पंचबली कर्म करें
सर्व पितृ अमावस्या के पंचबलि कर्म करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन कौवा, गाय, चींटी, कुत्ता आदि को भोजन खिलाएं। ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं।
बटुक ब्राह्मणों को कराएं भोजन
इस दिन बटुक ब्राह्मणों को भोजन करवाना भी शुभ माना जाता है। ब्राह्मणों के बच्चों को पेटभर भोजन करवाएं। दान-दक्षिणा दें। ऐसा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं। यदि ब्राह्मण ना मिले तो भांजा जमाई या मित्र को भी भोजन करवा सकते हैं।
इन दो वृक्षों की पूजा करें
सर्व पितृ अमावस्या के दिन पीपल या बरगद वृक्ष की पूजा करें। वृक्ष के जड़ पर जल अर्पित करें और घी का दीपक चलाएं। पीपल पेड़ की परिक्रमा करें। ऐसा करने से देवी-देवता और पितर प्रसन्न होंगे।
पितृ सूक्त का पाठ करें
सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों के देव अर्यमा की पूजा-अर्चना की करनी चाहिए। पूजा के बाद पितृ सूक्त का पाठ करें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख शांति बनी रहती है। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सफलता के योग बनते हैं
(Disclaimer: इन आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)