MP Education : नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के साथ ही अब मध्य प्रदेश द्वारा बड़ी तैयारी की जा रही है। शिवराज सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू करने के बाद अब 4 ईयर के लिए भी उच्च शिक्षा विभाग ने कोर्स डिजाइन की तैयारी शुरू की है। चतुर्थ वर्ष के लिए कोर्स डिजाइन करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा। बता दे स्नातक लेवल पर प्रथम और द्वितीय वर्ष के लिए छात्र न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत पढ़ाई कर रहे हैं। तीसरी और चौथी साल के लिए उन्हें पुराने पैटर्न पर ही पढ़ाई करना पड़ रहा है।
2024 में तृतीय वर्ष पूरा होगा
मध्यप्रदेश में 2024 में तृतीय वर्ष पूरा होगा। इससे पहले न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत पहले बैच निकलते ही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पीजी पाठ्यक्रम को नई नीति के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। छात्रों के पास तीन विकल्प दिए जाएंगे। जिसमें एक या 2 साल के कोर्स का पाठ्यक्रम चुन सकते हैं। मल्टीपल एंट्री एग्जिट सिस्टम के तहत विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है।
सब कमेटी का गठन किया गया
मामले में उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त कर्मवीर शर्मा का कहना है कि 1 साल बाकी रहते हुए नीति के तहत चौथे वर्ष का कोर्स डिजाइन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। वही एक्सपर्ट टीम इस पर काम कर रही है, सब कमेटी का गठन किया गया है। विभाग द्वारा जारी तैयारी के तहत न्यू एजुकेशन पॉलिसी की टास्क फोर्स की सब कमेटी बनाई गई है अधिकारियों का कहना है कि चौथे वर्ष के लिए सिलेबस और कोर्स डिजाइन 2024 शिक्षा सत्र तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें 1 साल का समय लगना है। इसके साथ ही इसमें अपग्रेडेशन किया जाएगा।
मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा
वही अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा। जिसने चतुर्थ वर्ष के लिए कोर्स डिजाइन किया है। पहले वाले छात्रों का कोर्स 2024 में पूरे होने हैं। ऐसे में नई नीति से मास्टर सहित अन्य कोर्स का सिलेबस तैयार किया जा रहा है। छात्र के 3 वर्ष स्नातक डिग्री कोर्स करने पर 2 साल का मास्टर्स करना होगा। डिग्री करने वाले छात्रों को 1 साल का पीजी कोर्स की अनुमति दी जाएगी।
चौथे साल में करना होगा रिसर्च
वही न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत पहले साल पूरा करने पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, 3 साल में डिग्री, चौथे साल में डिग्री के साथ रिसर्च और डिग्री के साथ ऑनर्स की डिग्री छात्रों को उपलब्ध कराई जाएगी। चौथे साल में उन्हें रिसर्च करना होगा।