भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में स्कूलों (MP School) को खोल दिया गया है। दरअसल MP स्कूल खोलने की घोषणा की गई। इसके साथ ही स्कूल खोले जाने के बावजूद कोरोना गाइडलाइन (Corona guideline) को लेकर निर्देश जारी किए गए। हालांकि शासन द्वारा निर्देश जारी करने के बाद वे स्कूलों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल राज्य शासन के मुताबिक जारी निर्देश में स्कूलों में जनसंख्या के बच्चे स्कूल पहुंच सकते हैं बीते करीब 1 महीने से Corona के बढ़ते Case को देखते हुए स्कूलों को बंद रखा गया था। Corona के केसों में कमी के बाद एक बार फिर से 1 फरवरी से स्कूलों को खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। इधर जारी आदेश के मुताबिक स्कूलों में 50% क्षमता के साथ ही बच्चों को बुलाना अनिवार्य किया गया है।
वहीं स्कूलों का कहना है कि जिन स्कूलों में बच्चों के बैठने की जगह बहुत ज्यादा है। वहां भी 50 फीसद की अनिवार्यता क्यों रखी गई है। कोरोना को देखते हुए सामाजिक दूरी को प्राथमिकता बनाया गया है लेकिन स्कूल प्रशासन का कहना है कि जिन स्कूलों में पर्याप्त जगह है। उस जगह पर बच्चों की 50 फीसद की अनिवार्यता को समाप्त कर शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल का संचालन आसानी से किया जा सकता है।
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वहीं राज्य शासन की तरफ से आए आदेश के मुताबिक आवासीय विश्वविद्यालय में आठवीं दसवीं और बारहवीं के छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति की अनुमति दी गई है। कई स्कूल प्रशासन का यह भी कहना है कि क्या आठवीं दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए कोरोना का खतरा नहीं है। अगर ऐसा है तो पर्याप्त जगह वाले स्कूलों में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य की जाए। ।
वही सारे सरकारी स्कूलों में जगह पर्याप्त है। ग्रामीण इलाकों में बच्चों के अनुपात के मुताबिक स्कूलों में पर्याप्त जगह है। इसलिए ऐसे स्कूलों में 100% बच्चों को आवश्यक सामाजिक दूरी के साथ आसानी से बैठाया जा सकता है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि मध्यान भोजन की लाली से बच्चे स्कूल तो पहुंच रहे हैं लेकिन स्कूल में बच्चों की संख्या के आगे की अनिवार्यता के चलते आधे बच्चों का ही भोजन स्कूलों तक पहुंच रहा है। ऐसे में जिन स्कूलों में दर्ज संख्या बहुत कम है। वहां के शिक्षकों के समक्ष गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है।
हालांकि स्कूलों की मांग के बाद भी परियोजना समन्वयक द्वारा स्पष्ट आदेश जारी कर दिए गए हैं। परियोजना समन्वयक अभी चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्य शासन की तरफ से जो आदेश जारी किया है उसके अनुरूप स्कूलों का संचालन किया जाएगा जहां बच्चों के बैठने के अधिक जगह है वहां पर स्थिति बढ़ाने की कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं इसलिए सभी शासकीय स्कूल में आधी जनसंख्या के साथ ही स्कूल संचालित किए जाएंगे। वहीं ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।