गुरुवार देर रात वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में भी पास हो गया। 12 घंटे की लंबी चर्चा इस बिल पर हुई। हालांकि, लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही यह बिल पास हो चुका है। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 जबकि विरोध में 95 वोट पड़े। बता दें कि इससे पहले बुधवार को 12 घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा में यह बिल पास हुआ था। अब आगे की प्रक्रिया के लिए बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के सिग्नेचर और स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून देश में लागू कर दिया जाएगा।
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल को लेकर बड़ी बहस देखने को मिली। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इसे लेकर कई बड़ी बातें कहीं। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि एक समय पर वक्त द्वारा ताजमहल पर भी दावा ठोक दिया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी।

अनुराग ठाकुर का बड़ा आरोप?
दरअसल, बुधवार को वक्फ संशोधन बिल पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) पर बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने खड़गे पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। अनुराग ठाकुर ने कहा था कि कर्नाटक में जो घोटाले हुए, उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी शामिल है। इस बयान के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, जब हंगामा ज्यादा बढ़ गया तो अनुराग ठाकुर ने खड़गे का नाम वापस ले लिया। बाद में सदन की आधिकारिक रिकॉर्डिंग से भी मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम हटा दिया गया।
मेरे पास वक्फ की 1 इंच जमीन भी नहीं : मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge)
लेकिन अब मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने अनुराग ठाकुर को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा, “मेरे पास वक्फ की 1 इंच जमीन भी नहीं है। यदि अनुराग ठाकुर मेरे ऊपर लगाए गए आरोप साबित कर सकते हैं, तो सबूत पेश करें, नहीं तो सांसद पद से इस्तीफा दें।” खड़गे ने आगे कहा कि “इन झूठे आरोपों से मेरी छवि को नुकसान पहुंचा है। अगर अनुराग ठाकुर यह साबित कर देते हैं कि मेरे परिवार के किसी भी सदस्य ने वक्फ बोर्ड की 1 इंच भी जमीन पर कब्जा किया है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।”
बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना : असदुद्दीन ओवैसी
वहीं, बिल (Wakf Amendment Bill) के विपक्ष में रहे एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है। इसी बीच उन्होंने संसद में ही बिल को फाड़ दिया और संसद की कार्यवाही छोड़कर चले गए।
वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने भी बिल के समर्थन में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वक्फ में गैर-इस्लामिक संपत्तियां नहीं आएंगी और ऐसा कोई भी प्रावधान इसमें शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है।
बिल गरीबों के हित में लाया गया: गृहमंत्री अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल गरीबों के हित में लाया गया है। चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी भारत में है, तो इसका इस्तेमाल गरीब मुसलमानों को आगे बढ़ाने के लिए क्यों नहीं किया गया? जनकल्याण के लिए इसका उपयोग क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा कि आज नरेंद्र मोदी सरकार गरीब मुसलमानों के लिए काम कर रही है, तो विपक्ष को इसमें परेशानी क्यों हो रही है?
विपक्ष यह भ्रम फैला रहा: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (UMEED)
रिजिजू ने कहा कि विपक्ष यह भ्रम फैला रहा है कि इस बिल के पास हो जाने से सरकार मस्जिदें और दरगाहें छीन लेगी या मुसलमानों की प्रॉपर्टी हड़प लेगी। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, यह झूठ है। जो प्रॉपर्टी पहले से रजिस्टर्ड हो चुकी हैं और जहां लोग निवास कर रहे हैं, उन पर किसी भी प्रकार की दखलंदाजी नहीं की जाएगी। किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा। जिन प्रॉपर्टी पर विवाद चल रहा है, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, मुस्लिम महिलाएं, एक्सपर्ट और नॉन-मुस्लिम भी शामिल रहेंगे
वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, मुस्लिम महिलाएं, एक्सपर्ट और नॉन-मुस्लिम भी शामिल रहेंगे। मंत्री रिजिजू ने कहा कि पहले कहा गया था कि कोई भी भारतीय वक्फ बना सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस कानून को संशोधित (UMEED) किया गया है। अब वक्फ सिर्फ वही क्लेम कर सकता है, जो कम से कम 5 साल से इस्लाम धर्म को मानता हो। वक्फ बोर्ड के मेंबर नॉन-मुस्लिम भी हो सकते हैं, और इसमें दो महिलाएं भी होनी चाहिए।
इस दौरान मंत्री रिजिजू ने विपक्ष पर बड़ा हमला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसा प्रावधान था कि वक्फ का जो कानून है, वह देश के किसी भी मौजूदा कानून से ऊपर रहेगा? कोई सरकार देश में ऐसे कानून को कैसे मंजूर कर सकती है? 2013 में जो बिल पास हुआ था, उस पर ताज्जुब है।