जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में अब एक बार फिर से MPPSC नया आरक्षण विवाद (Reservation Conflict) हाईकोर्ट पहुंचा है। दरअसल मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) द्वारा एक और आरक्षण का मामला हाई कोर्ट (High court) है। जहां भूतपूर्व सैनिकों द्वारा कट ऑफ रिजर्व कैटेगरी के बराबर ही रखने पर याचिका दायर की गई है।
वही कहा जा रहा है कि भर्ती में आरक्षण से संबंधित स्पष्ट नियम होने के बावजूद भी आयोग द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को लाभ नहीं दिया जा रहा है। दरअसल भूतपूर्व सैनिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसके मुताबिक भूतों सैनिकों का कटऑफ Unreserved Category के बराबर रखने के साथ ही भूतपूर्व सैनिकों को आयोग के बावजूद नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगे गए हैं।
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बता दे कि नए नियम के तहत MPPSC में भूतपूर्व सैनिकों को केवल क्लास 3 के पदों पर नियुक्ति दी जाती है। आरक्षण नियम 1985 के बावजूद भूतपूर्व सैनिकों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए एजुकेशन क्वालिफिकेशन के प्रावधान को आसान किया गया। बावजूद इसके आयोग द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को नियम का फायदा नहीं दिया जा रहा है और सैनिकों का मानना है कि उनके भी कट ऑफ सामान्य श्रेणी जैसे ही हैं।
2019 के MPPSC मैंस एग्जाम में 301 भूतपूर्व सैनिक शामिल हुए थे। जिनमें 281 सैनिकों को फेल कर दिया गया था। कोर्ट में याचिका दायर की दलील दी गई है कि यह नियम के मुताबिक अवैधानिक है और भूतपूर्व सैनिकों ने इस मामले में याचिका दायर की है।