भोपाल डेस्क- ग्वालियर (gwalior) के दक्षिण पश्चिम से कांग्रेस (congress) के विधायक प्रवीण पाठक (pravin pathak) ने राज्यपाल (governor) को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (madhya pradesh public service commission) यानी पीएससी द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा (main exam) मे आरक्षण निर्धारण के संबंध में जानकारी देते हुए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई है।
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दरअसल मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रमुख सेवाओं में भर्ती के लिए मुख्य परीक्षा 21 मार्च से शुरू हो रही है। प्रवीण ने राज्यपाल को पत्र में लिखा है कि इस भर्ती परीक्षा के आरक्षण के निर्धारण के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय (high cuort) में प्रकरण विचाराधीन होकर चल रहा है जिसकी सुनवाई हेतु 26 मार्च 2021 को नियत है। प्रवीण ने आशंका जताई है कि क्योंकि प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में चल रहा है और यदि उच्च न्यायालय में इस आरक्षण के विषय में किसी भी तरह का निर्णय आता है तो पूरी परीक्षा ही निरस्त कर दी जाएगी। उन्होंने लिखा है कि मैं भी प्रतियोगी परीक्षाओं का परीक्षार्थी रहा हूं और परीक्षार्थियों की मनोस्थिति को बेहद अच्छी तरह से समझ सकता हूं। ऐसे मनोस्थिति में किसी भी परीक्षार्थी के लिए परीक्षा देना कठिन होगा। प्रवीण ने राज्यपाल से मांग की है कि नियमानुसार इस भर्ती परीक्षा के पहले आरक्षण का निर्धारण हो जाए ताकि उसके बाद ही मुख्य परीक्षा का आयोजन हो और परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ ना हो। प्रवीण इस पत्र की प्रति मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ,मुख्य सचिव और पीएसी के चेयरमैन को भी भेजी है।
दरअसल जनवरी माह में मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग ने इन परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया था। यह परीक्षाएं 21 मार्च से 26 मार्च तक आयोजित होंगी और इनमें छह प्रश्नपत्र होंगे।
कमलनाथ सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 27% कर दिया था जिस पर हाईकोर्ट ने इसे 14% से अधिक करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी