CBSE Board: इन कक्षाओं के सिलेबस में होगा बदलाव, सीबीएसई ने किया ऐलान, छात्रों को पढ़नी होगी नई किताबें, गाइडलाइंस जारी

सीबीएसई ने पाठ्यक्रम को लेकर बड़ी घोषणा की है। स्कूलप में वर्ष 2023 का सिलेबस ही जारी रहेगा। सिर्फ कक्षा 3 और 6 के पाठ्यक्रम और किताबों में बदलाव होगा।

Manisha Kumari Pandey
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CBSE Board News: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पाठ्यक्रम को लेकर बड़ी घोषणा की है। साथ ही स्कूलों को गाइडलाइंस भी जारी की है। कक्षा 3 और 6 के अलावा किसी भी कक्षा के सिलेबस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 1 अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले अकाडेमिक सेशन 2024-25 के लिए अन्य कक्षाओं के पाठ्यक्रम और टेक्स्टबुक में कोई संशोधन नहीं होगा। बोर्ड ने सभी स्कूलों से ऑफिशियल वेबसाइट cbse.gov.in पर उपलब्ध पाठ्यक्रम को साझा करने का अनुरोध भी किया है।

नोटिस में बोर्ड ने सिलेबस को लेकर कही ये बात

सीबीएसई ने नोटिस में कहा, “एनसीईआरटी ने 18 मार्च 2024 को एक पत्र के जरिए सीबीएसई को सूचित किया था कि कक्षा 3 और 6 के लिए नए पाठ्यक्रम और किताबें वर्तमान में विकास के अधीन है। जल्द ही जारी भी की जाएगी। परिणामस्वरूप स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे वर्ष 2023 तक एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबों के स्थान पर कक्षा 3 और 6 के लिए नए सिलेबस और टेक्स्टबुक का पालन करें। इसके अलावा कक्षा 6 के लिए ब्रिज कोर्स और कक्षा 3 के लिए संक्षिप्त दिशानिर्देश एनसीईआरटी द्वता विकसित किए जा रहे हैं।”

सीबीएसई ने स्कूलों को दिए निर्देश

इसके अलावा बोर्ड ने स्कूलों को नए पाठ्यक्रम से संबंधित निर्देश भी दिए हैं। सभी विद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम दस्तावह के प्रारम्भिक पेज में उल्लेखित पाठ्यक्रम निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। स्कूल यह सुनिश्चित करें कि विषयों को निर्धारित सिलेबस के अनुसार पढ़ाया जाए। जहां भी संभव हो बहुभाषावाफ, कला एकाकृति शिक्षा, अनुभावत्मक शिक्षा और शैक्षणिक योजनाओं जैसी पद्धतियों और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों को भी शामिल करने की सलाह सीबीएसई ने दी है।

सभी स्कूल अपनाएं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा- 2023- CBSE

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकन्डेरी एजुकेशन ने स्कूलों को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा- 2023 अपनाने की सलाह दी है। साथ ही अपनी प्रथाओं को एनसीएफ-एसई 2023 में उल्लेखित सिफारिशों के साथ संरेखित करने का निर्देश भी दिया है। इसमें समय-समय पर बोर्ड द्वारा सूचित सामग्री, शैक्षणिक रणनीतियाँ, मूल्यांकन सिस्टम और प्रासंगिक क्षेत्रों से जुड़ी गाइडलाइंस का पालन करना भी शामिल है।


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