UGC 2023 : नई शिक्षा नीति को लेकर यूजीसी की बड़ी तैयारी, शिक्षक नियुक्ति और PhD डिग्री पर होगी मॉनिटरिंग, समिति का गठन जल्द

Kashish Trivedi
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UGC 2023, UGC PhD  :  यूजीसी द्वारा बड़ी तैयारी की गई है। छात्रों को इससे महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। इसके साथ ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अब मॉनिटरिंग प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नई शिक्षा पॉलिसी सारथी लॉन्च करने का फैसला किया है। ट्रांसफॉर्मिंग हायर एजुकेशन में अकादमिक सुधार के लिए छात्र राजदूत की भर्ती की जा रही है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पहल का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में शामिल करना है। वहीं उच्च शिक्षा नियमों के मुताबिक छात्र परिवर्तनकारी सुधारों के केंद्र हैं, यह उतना ही महत्वपूर्ण है कि वह नई शिक्षा नीति को लागू करने में भी शामिल हो।

यह है नियम

नई शिक्षा नीति सारथी की संख्या 300 है। इनके नामांकन मानदंड की बात करें तो वर्तमान स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। छात्र इस पहल में भाग ले सकते हैं। वहीं सर्टिफिकेट डिप्लोमा स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करने वाली छात्र इसमें शामिल हो सकते हैं। यूजीसी के अनुसार एचईआई के कुलपति निदेशक और प्राचार्य सहित प्रतिष्ठित शिक्षाविदों से नामांकन की मांग की गई है।

समय सीमा भी तय

इसके लिए समय सीमा भी तय कर दी गई है। नामांकन आमंत्रित करने की तिथि मई 2023 रखी गई है। वहीं नामांकन प्राप्त करने की समय सीमा जून 2023 है।नई शिक्षा नीति की घोषणा जुलाई 2023 में की जाएगी जबकि सारथी का उन्मुखीकरण जुलाई 2022 में किया जाएगा। एक विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति सारथी के रूप में माने जाने वाले 3 छात्रों तक के नाम को नामांकित कर सकते हैं।

शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी की डिग्री प्रदान करने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। 24 अप्रैल 2023 को आयोजित हुई बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है। जिसमें यूजीसी के अध्यक्ष ने बुद्धिजीवियों के पोषण और देश की प्रगति में योगदान देने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया है।

यूजीसी प्रमुख ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देने और संबंधों के लिए जिम्मेदार है।गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और अनुसंधान डिग्री सुनिश्चित करने के लिए नियम स्थापित किया जाता है। वही उच्च शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षकों की विशेषज्ञता और प्रचार पर बहुत अधिक निर्भर करती है।

ऐसे में शिक्षा अनुसंधान डिग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालय और कॉलेज में शिक्षक और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए योग्यता मानदंड तय किए गए हैं। यूजीसी विनियम और उच्च शिक्षा में मानक के रखरखाव के लिए उपाय 2018 और यूजीसी नियम को लागू किया गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा के चयन और अनुसंधान डिग्री प्रदान करने में मानकों को बनाए रखने की शर्त भी स्थापित की गई है।

हालांकि नियम उल्लंघन के कई मामले सामने आए हैं। जिससे चिंता बढ़ गई है। वहीं अब यूजीसी की बैठक में निर्णय लिया गया कि एक स्थाई समिति का गठन किया जाएगा। समिति का उद्देश्य शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने की निगरानी करना होगा। यह नियमित रूप से बुलाया जाएगा। विशिष्ट संस्थानों का चयन करेगा और संकाय नियुक्ति सहित एचडी डिग्री पुरस्कार पर जानकारी एकत्रित करेगा।यूजीसी नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के साथ ही स्थापित किया जाएगा और किसी भी उल्लंघन के मामले में उचित कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।


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