भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। व्यापम (vyapam) घोटाले के बाद सवालों के घेरे में आई मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MPPEB) के नाम को आखिरकार बदल दिया गया है। नाम बदलने के साथ ही राज्य शासन द्वारा इसके सारे व्यवस्था में भी परिवर्तन किए गए हैं। जिसके बाद अब मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (Madhya Pradesh Staff Selection Board) तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत ना होकर सामान्य प्रशासन विभाग (General administration department) के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके साथ ही अब मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की व्यवस्था MPPSC की तरह ही संचालित की जाएगी।
मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MPPEB) का नाम बदलकर मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (MPSSB) किए जाने के बाद इसका फायदा निश्चित रूप से उम्मीदवारों को होगा। MPPSC की तरह ही मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड का संचालन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाएगा जिसके बाद परीक्षा पैटर्न, सिलेबस सहित अन्य गतिविधियां किसी एक समान होने की संभावना है। वही व्यापम के नाम को बदलने के साथ ही नोडल डिपार्टमेंट (Nodal department) बदलने के बाद सीधे तौर पर इसकी जिम्मेदारी राज्य प्रशासन को सौंपी गई। विभाग सीएम शिवराज के के अधीन है।
Ranji Trophy 2022: मध्य प्रदेश ने गुजरात को 106 रन से हराया
नाम बदलने के पीछे क्या है बड़ा कारण
बरसों से व्यापम घोटाले की जड़ को खत्म करने के लिए सिस्टम में सुधार करते हुए व्यापम के नाम को बदलकर मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड किया गया था हालांकि रिजल्ट में हो रही भारी गड़बड़ी को तब भी नहीं रोका जा सका। साथ ही ऑनलाइन सिस्टम में गड़बड़ी सहित कृषि विस्तार अधिकारी सहित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की परीक्षा में भी गड़बड़ी की खबर सामने आई थी। जिसके बाद परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था।
वहीं मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा नोडल डिपार्टमेंट सामान प्रशासन विभाग परीक्षा नियंत्रक के पद पर नियुक्ति के नियमों में बदलाव किए जाएंगे। शुरुआत में व्यापम सिर्फ व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए ही परीक्षा आयोजित करता था लेकिन दायरा बढ़ने के साथ-साथ जिम्मेदारी बढ़ती गई और वही अन्य विभागों में भी कर्मचारियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी MPPEB को सौंप दी गई। जिसे वजह से इतनी बड़ी गड़बड़ी को देखते हुए और परीक्षा के रद्द होने की स्थिति का आकलन करते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग से यह जिम्मेदारी लेकर सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया है। इसके साथ ही साथ नाम परिवर्तित किए गए हैं।