CG Government Employees News : छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए बड़ी खबर है। राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश से लेकर हड़ताल करने पर सख्त फैसला लिया है। राज्य सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की अपर सचिव अंशिका ऋषि पाण्डेय ने आदेश भी जारी कर दिया है।
कटेगी सैलरी, होगी कार्रवाई
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार, सभी विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों, कलेक्टर्स को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की निर्देश जारी किए गए है, इतना ही नहीं सैलरी से कटौती करने का भी आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दिन सात जुलाई को हड़ताल पर रहने वाले हजारों नियमित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन कटेगा। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। वही राज्य सरकार के इस आदेश पर छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने विरोध किया है।
दरअसल, शुक्रवार 7 जुलाई को पूरे प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल एक दिवसीय हड़ताल की थी और अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 145 सरकारी कर्मचारी संगठनों ने अपनी ताकत दिखाई थी, इससे प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों का काम प्रभावित हुआ और उसी दिन पीएम मोदी का भी दौरा था। इसके बाद अब सरकार ने सक्ती दिखाई है और कार्रवाई के आदेश दिए है।
कर्मचारी बोले-मांगे जायज, मंत्री ने कहा हड़ताल उचित नहीं
एक तरफ इस हड़ताल को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि हमने 23 जून को हड़ताल के संबंध में मुख्य सचिव को नोटिस दे दिया था। हमारी मांगें जायज है। सरकार को मांगों पर संवाद करना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि हड़ताल उचित नहीं है। उम्र सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन कई ऐसी मांगें हैं, जिसे पूरा करना संभव नहीं है। वे दो महीने की नौकरी में 13 महीने की तनख्वाह देने की मांग कर रहे हैं।
शासकीय कर्मचारियों की 5 सूत्रीय मांग
1. कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के अनुसार, कर्मचारियों का वेतन वृद्धि 8, 16, 24 और 30 साल की सेवा में चार स्तरीय किया जाए। साथ ही अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
2. प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के दिए गए तिथि के अनुसार महंगाई भत्ता दिया जाए।
3. छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर गठित पींगुआ समिति की रिपोर्ट और वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित अन्य समितियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
4. ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिलाने के लिए पहली नियुक्ति तिथि से कुल सेवा को जोड़ा जाए।
5. छठा वेतनमान के आधार पर मिलने वाले गृह भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर दिया जाए।