CG News: बीजापुर में 30 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 9 पर घोषित था 39 लाख का इनाम

पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 2024 में अब तक 180 नक्सली गिरफ्तार किये गए हैं जबकि 76 ने आत्मसमर्पण किया है , सुरक्षा बल के बढ़ते दबाव के चलते आज उसका परिणाम है कि अब नक्सली आत्म समर्पण कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं और मूलभूत योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है।

Atul Saxena
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CG News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर से एक अच्छी खबर सामने आई है यहाँ आज 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इनमें से 9 नक्सली ऐसे हैं जिनके ऊपर 39 लाख का इनाम घोषित था, इन सभी ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ने का फैसला किया है, इनामी नक्सलियों के खिलाफ कई अपराधों में स्थाई वारंट निकले हुए थे, सभी ने पुलिस अधीक्षक डा. जितेंद्र यादव , सीआरपीएफ डीआईजी एस. के. मिश्रा के सामनेआत्म समर्पण किया।

9 नक्सलियों पर था 39 लाख रुपये का इनाम  

गौरतलब है कि जिन 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है उनमें से 9 नक्सलियों पर 39 लाख रुपये का इनाम था घोषित था, इनमें से एक पर 18 स्थाई वारंट और एक अन्य पर 6 सठिया वारंट लंबित हैं, ये सभी पिछले 15 वर्षों एन बड़ी बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं, पुलिस इनकी तलाश कर रही थी।

कई गंभीर अपराधों में पुलिस को थी इनकी तलाश 

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि ये नक्सली सुरक्षा बलो के साथ एंबुश कर हमला करने , जवानों के साथ मुठभेड़ , आईडी ब्लास्ट , अपहरण कर हत्या, सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहनों में आगजनी, आईडी प्लांट , जैसे बड़े घटनाओं भी शामिल रहे हैं।

शासन के दबाव के चलते समाज की मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं नक्सली 

पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 2024 में अब तक 180 नक्सली गिरफ्तार किये गए हैं जबकि 76 ने आत्मसमर्पण किया है , सुरक्षा बल के बढ़ते दबाव के चलते आज उसका परिणाम है कि अब नक्सली आत्म समर्पण कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं और मूलभूत योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है। शासन के नियमानुसार आत्मसमर्पण करने पर तत्काल 25000 रुपए की प्रोत्साहन राशि इन्हें दी जा रही है जिससे अपना जीवन यापन शुरू कर सकते हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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