छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शनिवार को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जमानत की उम्मीद लगाए बैठे चैतन्य को यह फैसला निराश करने वाला रहा। ईडी की पांच दिन की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जहां दोनों पक्षों की दलीलों के बाद कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया।
चैतन्य बघेल के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि शनिवार दोपहर करीब 3:30 बजे ईडी ने चैतन्य को कोर्ट में पेश किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिए आवेदन दिया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इस मामले की अगली सुनवाई अब 6 सितंबर को होगी। चैतन्य को इससे पहले 18 अगस्त को पांच दिन की रिमांड पर लिया गया था, और शनिवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया गया।
तन्य की गिरफ्तारी उनके जन्मदिन के दिन
ईडी ने चैतन्य बघेल को छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच कथित तौर पर हुए 2200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आरोपी बनाया है। जांच एजेंसी का दावा है कि चैतन्य ने इस घोटाले में करीब 1000 करोड़ रुपये को चैनलाइज करने में भूमिका निभाई। चैतन्य की गिरफ्तारी उनके जन्मदिन के दिन 18 जुलाई को हुई थी। इस मामले में भूपेश बघेल सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा पहले से ही जेल में बंद हैं।
शराब घोटाला छत्तीसगढ़ की सियासत में चर्चा
यह कथित शराब घोटाला छत्तीसगढ़ की सियासत में चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है। ईडी का दावा है कि इस घोटाले में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं। चैतन्य बघेल की संदिग्ध भूमिका और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ यह मामला और जटिल होता जा रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई से जांच में नए तथ्य सामने आने की संभावना जताई जा रही है।





