मुख्यमंत्री का केंद्र सरकार पर आरोप, आखिर किसको बचा रही सरकार

Published on -

रायपुर, डेस्क रिपोर्ट।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है, मामला झीरम घाटी नक्सली नरसंहार से जुड़ा है। सी एम भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्यपाल को यह रिपोर्ट सौंपी गई है। ऐसा मीडिया से पता चला है। जबकि नियमानुसार रिपोर्ट राज्य सरकार को ही सौंपी जाती है। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि मेरा और कांग्रेसक मानना है कि झीरम कांड में षड्यंत्र रचा गया है। जबकि जांच आयोग ने भी समय बढ़ाने को कहा था, राज्यपाल को इस मामले की जांच रिपोर्ट सौंपकर भाजपा की तत्कालीन सरकार और केंद्र सरकार किसको बचाने की कोशिश कर रही है यह साफ करे।

गौरतलब है कि 8 साल पहले झीरम घाटी में हुए नक्सली नरसंहार की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गई है। रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपी जाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले में कई सवाल खड़े किए हैं। 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए नक्सली नरसंहार की रिपोर्ट राज्यपाल अनसूया उईके को सौंप दी गई है। शनिवार को आयोग के सचिव और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार संतोष तिवारी ने यह रिपोर्ट राज्यपाल अनसूया उईके को सौंपी। 8 साल पहले झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी और उसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित कई बड़े लोग मारे गए थे।

Award: कंगना रनौत, अदनान सामी, रानी रामपाल पद्मश्री से सम्मानित

इस मामले की जांच के लिए बीजेपी ने 28 मई 2013 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था। अब जाकर आयोग ने 10 वॉल्यूम में 4184 पेज की रिपोर्ट दी है। लेकिन इस पूरे मामले में झीरम घाटी घटना के पीड़ित शिव कुमार ठाकुर ने जांच आयोग की रिपोर्ट पर ही सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस पूरे कांड के बारे में मुझसे एक बार भी पूछताछ नहीं की गई और ना ही कोई पत्राचार किया गया। वहीं कांग्रेस का भी कहना है कि जब किसी भी न्यायिक आयोग का गठन किया जाता है तो आयोग की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाती है।

SAHARA INDIA की बढ़ी मुश्किलें! निवेशकों ने अब प्रधानमंत्री से लगाई गुहार

जन संचार केन्द्र प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने पूछा है कि यह रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को कैसे सौंप दी गई! कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा है कि आयोग का गठन तीन महीने के लिए हुआ था फिर रिपोर्ट आठ साल में कैसे आई! इसके साथ ही कुछ समय पहले आयोग ने सरकार से कार्यकाल बनाने की यह कहकर मांग की थी कि अभी रिपोर्ट तैयार नहीं है फिर अचानक रिपोर्ट कैसे तैयार हो गई और राज्यपाल को सौंप दी गई। कांग्रेस ने यह भी सवाल पूछा है कि ऐसा क्या है जो सरकार से छुपाने की कोशिश की जा रही है। झीरम मामले के लिए कांग्रेस ने एक न्यायिक जांच आयोग बनाकर सिरे से जांच करने की मांग की है।


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News