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इन्दौर डेस्क रिपोर्ट।आकाश धोलपुरे- कोरोना के इलाज में रामबाण माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की पूर्ति के लिए सरकार ने कमर कस ली है। प्रदेश के नए ड्रग कंट्रोलर पी नरहरि ने शुक्रवार को इस कमी को पूरा करने के लिए विभिन्न जिलों में आपूर्ति और उपलब्धता की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। जल्दी प्रदेश में 85000 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे ।
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फूड एंड ड्रग कंट्रोलर का पदभार संभालने के बाद पी नरहरि ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए बड़ा कदम उठाया है ।उन्होंने विभिन्न कंपनियों को 35000 रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के ऑर्डर दिए हैं ।इनमें से 4000 इंजेक्शन शनिवार की सुबह इंदौर पहुंच गए और 1000 शाम तक पहुंच जाएंगे। 4 से 5 दिन के भीतर बाकी के इंजेक्शन भी पहुंच जाएंगे जिन्हें एक्टिव मरीजों के अनुपात से विभिन्न जिलों में भेजा जाएगा। पी नरहरि ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति में कमी ना रह पाए और यदि कोई कालाबाजारी करते हुए पकड़ा जाए तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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राज्य सरकार ने भी 50000 रेमडेसिविर इंजेक्शन के ऑर्डर दिए हैं ।इसके साथ ही गुरुवार को 2000 रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रदेश के 14 मेडिकल कॉलेजों में भेजे गए हैं जिन्हें आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को लगाया जाएगा ।नरहरि ने लोगों से रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने अपील की है और कहा है कि शासन हर स्तर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की आसान उपलब्धता कराने के पूरे प्रयास कर रहा है और किसी भी स्थिति में इसकी कमी नहीं होने दी जाएगी।
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राज्य सरकार ने निम्न निर्देश जारी किए हैं- ‘रेमडेसिविर इंजेक्शन को केवल रेस्टीकेट इमरजेंसी यूज़ की शर्त पर ही उपयोग किया जाए, इस औषधि का उपयोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना इलाज हेतु जारी किए गाइडलाइन के अनुसार किया जाए। इस औषधि को किस मरीज को किस इमरजेंसी हालत में दी गई है इसका भी रिकॉर्ड रखा जाए और चिकित्सक द्वारा लिखे गए पर्चे पर इमरजेंसी परिस्थिति को भी अंकित किया जाए और अस्पताल की रिपोर्ट में भी इन परिस्थितियों का उल्लेख किया जाए। जांच के दौरान जांच अधिकारी के समक्ष यह रिकॉर्ड भी पेश किया जाना चाहिए।’ आपातकाल प्रयोग के अलावा अगर इस इंजेक्शन का प्रयोग पाया जाता है तो इसका पूरा दायित्व डॉक्टर अस्पताल या नर्सिंग होम का होगा।
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क्या है रेमडेसिविर इंजेक्शन
रेमडेसिविर इंजेक्शनएक न्यूक्लियोसाइड राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) पोलीमरेज़ इनहिबिटर इंजेक्शन है।
इसका निर्माण सबसे पहले वायरल रक्तस्रावी बुखार इबोला के इलाज के लिए किया गया था।
इसे अमेरिकी फार्मास्युटिकल गिलियड साइंसेज द्वारा बनाया गया है।
रेमडेसिविर दवा सीधे वायरस पर हमला करती है। इसे ‘न्यूक्लियोटाइड एनालॉग’ कहा जाता है जो एडेनोसिन की नकल करता है, जो RNA और DNA के चार बिल्डिंग ब्लॉक्स में से एक है।