मण्डला, सुधीर उपाध्याय
जिला मुख्यालय सहित जिले में 1 अगस्त को मिले 14 पॉजिटिव मरीजों ने कॉवरेंटाइन नियमों औऱ उनके क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं, यद्यपि यह महज संभावना है तथापि संभावित संकट से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिन कंधों पर नियमों के पालन करवाने का भार है जब उन्हीं कंधों पर संकट के बादल मंडराने लगें तो समस्या गंभीर हो सकती है।
मुख्यालय में मिले मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री ने यदि संकट उत्पन्न किया तो जिला कलेक्टर के कार्यालय तक प्रभावित हो सकता है। सूत्रों की माने तो पीड़ित युवक राजधानी भोपाल से ट्रेन से आया और उनके पिता कार से उसे मण्डला तक लाये, पिता जिला कार्यालय में पदस्थ हैं, जांच भी हुई, पीड़ित अपने घर में ही कॉवरेंटाइन रहा लेकिन पिताजी सरकार को सेवायें देते रहे। आश्चर्य यही है कि आखिर उनकी सेवायें किसके आदेश से ली जाती रही थी, जबकि सरकार ने कम कर्मचारियों से कार्य चलाने की घोषणा की है।
इस घटनाक्रम के बाद कलेक्टरेट के कर्मचारियों जो पीड़ित के पिता के संपर्क में आये हैं उन्हें अपने ही घर में सतर्क रहने के निर्देश दिये जाने की खबर है , जानकारी के अनुसार, साथ ही लगभग दर्जन भर कर्मचारियों के टेस्ट लिए जा सकते हैं और पीड़ित परिवार को कॉवरेंटाइन सेंटर में निगरानी में रखा गया है।
बहरहाल स्तिथी नियंत्रण में है लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। जिले में बढ़ते मरीजों की संख्या सामूहिक कर्तव्य और दायित्व के साथ संवाद स्थापित करने की ओर संकेत कर रही है, जिसकी आवश्यकता है। व्यापारी, नागरिक, राजनेता, अधिकारी गण, स्वास्थ्य और सुरक्षा सेवा में लगे लोगों के साथ संयुक्त निरंतर संवाद और नियमों का पालन नियंत्रण में सहायक हो सकता है, जिसकी कमी है।