भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना से बचाव के लिए मास्क को सबसे अहम माना जाता है। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन भी लगातार लोगों से मास्क लगाने की अपील करते हैं। लेकिन इस बीच एक नई रिसर्च के मुताबिक अब कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक नहीं बल्कि दो मास्क पहनने चाहिए।
कोरोना कर्फ्यू के दौरान प्रशासन की सख्ती, दुकानदारों व राहगीरों के काटे चालान
जर्नल JAMA इंटरनल मेडिसिन की रिसर्च के बाद प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक दो फिट मास्क पहनने से SARS-CoV-2 साइट पार्टिकल के शरीर में प्रवेश करने की गुंजाईश अधिक कम हो जाती है। अच्छी फिटिंग वाले डबल मास्क से इन कणों को बाहर रखने की क्षमता भी दुगुनी हो जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा इसलिये नहीं होता कि कपड़े को दो मास्क पहने गए हैं, लेकिन अच्छी फिटिंग वाले डबल मास्क से वायरस को चेहरे और नाक तथा मुंह के भीतर जाने के लिए गैप नहीं मिलता है। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैलिफोर्निया (UNC) की प्रोफेसर और इस स्टडी की मुख्य लेखक एमिली सिकबर्ट का कहना है कि मेडिकल यूज़ के लिए बनाए जाने वाले मास्क में फिल्टर क्वालिटी तो बढ़िया होती है, लेकिन उसकी फिटिंग ठीक नहीं होती। मास्क की फिटेज फिल्टरेशन एफिशिएंसी जांचने के लिए स्टडी में 10×10 फीट के स्टील चैंबर का उपयोग किया और इसे सॉल्ट पार्टिकल्स से भर दिया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने मास्क के कई तरह के मैच ट्राई किये और मास्क को पार करके नमक के कणों के मुंह व नाक में पहुंचने को मापा। इस दौरान सामान्य व्यक्ति की तरह गतिविधियां की गई, इधर उधर देखने से लेकर मुंह और सिर घुमाने और अलग अलग तरीके से सांस ली गई। शोध में सामने आया कि मेडिकल यूज़ वाले मास्क का प्रयोग 40 प्रतिशत कारगर है और उसके ऊपर यदि सर्जिकल मास्क भी पहन लिया जाए तो इसका प्रभाव 20 प्रतिशत और बढ़ जाता है।