ग्वालियर का स्वास्थ्य विभाग अपनी कार्य प्रणाली को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है, अस्पतालों और अन्य चिकित्कीय संस्थाओं को लाइसेंस देने के मामले हों या फिर उनपर कार्रवाई करने के मामले, कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं और अब तो स्वास्थ्य विभाग का ऐसा दोहरा चेहरा सामने आया है जो जानबूझकर नियमों की अनदेखी से जुड़ा है।
दरअसल बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में जलाना या फेंकना निषेध है यानि प्रतिबंधित है, सीधे शब्दों में कहा जाये तो इंजेक्शन, सिरिंज, ग्लूकोज बोतल आदि सहित अन्य बायो मेडिकल वेस्ट कोई भी क्लिनिक या अस्पताल खुले में नहीं फेंकेगा उसके लिए एक व्यवस्था बनी हुई है उसके तहत इस मेडिकल वेस्ट को भस्मक यानि incinerator में जलाया जाता है।
इस नियम का पालन करना और इसके उल्लंघन करने वालों पर निगरानी रखना स्वास्थ्य विभाग का काम है, लेकिन ग्वालियर का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय इसमें भी अपने पराये का फर्क कर काम कर रहा है, ताजा मामला डबरा का है जहाँ स्वास्थ्य अमले का दोहरा चेहरा सामने आया है।
बायो मेडिकल वेस्ट उल्लंघन पर एक्शन
डबरा में स्वास्थ्य विभाग की टीम स्थानीय प्रशासन की टीम के साथ मिलकर उन प्राइवेट क्लिनिक्स पर एक्शन ले रही है और ताले लगा रही है जो बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल नियम का उल्लंघन कर रहे हैं, टीम में डबरा तहसीलदार, पटवारी, सीबीएमओ सिविल अस्पताल डबरा, सहायक प्रबंधक सिविल अस्पताल डबरा, लैब सहायक सहित कुछ अन्य लोग शामिल हैं।
क्लिनिक्स सील, सिविल अस्पताल पर मेहरबानी
डबरा क्षेत्र में इस संयुक्त टीम ने बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल नियमों का उल्लंघन करने वाली कुछ प्राइवेट क्लिनिक्स को सील कर दिया यानि उसपर ताला लगा दिया और पंचनामा बनाकर क्लिनिक संचालक को थमा दिया लेकिन इस टीम को सिविल अस्पताल डबरा में उड़ रही नियमों की धज्जियाँ दिखाई नहीं दे रहीं।
सिविल अस्पताल में खुले में जल रहा मेडिकल कचरा
डबरा सिविल अस्पताल में लोहे के कंटेनर्स (कचरे के डिब्बे) में खुले में बायो मेडिकल वेस्ट जलाया जा रहा है जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, घनी आबादी के बीच मरीजों से हर समय भरे रहने वाले सिविल अस्पताल में खुले में जल रहे बायो मेडिकल वेस्ट की दुर्गध और इससे निकलने वाली विषैली गैस से मरीजों के परिजन और आसपास के निवासी परेशान हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन को कुछ दिखाई नहीं देता।
अफसरों को अपना अस्पताल नहीं दिखता
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि जो टीम प्राइवेट क्लिनिक्स पर एक्शन ले रही है उसमें सिविल अस्पताल डबरा के अधिकारी भी शामिल हैं लेकिन उन्हें शहर में बायो मेडिकल वेस्ट दिखाई दे रहा है लेकिन उनके ही अस्पताल में खुले में जल रहा ये मेडिकल कचरा दिखाई नहीं दे रहा, समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि कुछ तो गड़बड़ है।
CMHO की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि खुले में मेडिकल कचरा जलाना अपराध भी है और इससे पर्यावरण को भी बहुत नुकसान होता है लेकिन जब जिम्मेदार खुद अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने लगें तो फिर समझा जा सकता है कि उनकी मंशा क्या है, बड़ी बात ये है कि ग्वालियर में बैठे जिले के CMHO अपने स्टाफ की इस कारगुजारी पर चुप कैसे बैठे हैं?
CMHO साहब सरकारी अस्पताल के बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए कौन ज़िम्मेदार है? किस पर होगी कार्रवाई?
दीया तले अंधेरा कहावत को चरितार्थ करता ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग, डबरा में विभिन्न क्लीनिकों पर बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल को लेकर कार्रवाई कर सीलिंग कर रहे हैं तहसीलदार और… pic.twitter.com/ple6qlhZwY
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) September 25, 2025
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट





