Mahashivratri 2025 : हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन देशभर में मंदिरों को लाइट और फूलों से सजाकर तैयार कर दिया जाता है। यह शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है। इस दिन का महादेव के भक्त बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। पूरे दिन व्रत रखकर उनकी पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं। पूरा शहर भक्ति में सराबोर नजर आता है। इस दिन श्रद्धालुओं में अलग प्रकार का उत्साह देखने को मिलता है। सुबह से ही मंदिरों में भीड़ उमर पड़ती है और रात तक पूजा करने का सिलसिला जारी रहता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल 26 फरवरी को सुबह 11:08 पर शुभ मुहूर्त का शुभारंभ होगा और इसका समापन अगले दिन यानी 27 फरवरी को सुबह 8:54 पर होगा। उदय तिथि के अनुसार, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
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ग्रह दोष होगा शांत
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि बेहद खास मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन सूर्य, बुध और शनि देव एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे। ऐसे में करीब 149 साल बाद इन ग्रहों की युक्ति और महाशिवरात्रि का संयोग बना रहा है। इस अवसर पर पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। इसके अलावा, ग्रह दोष भी शांत होगा।
बन रहा ये संयोग
करीब 60 साल बाद महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग भी बना रहे हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनि कारण और चंद्रमा मकर राशि पर रहने वाले हैं। यह भक्तों के लिए काफी ज्यादा कल्याणकारी माना जा रहा है।
करें ये उपाय
- इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
- 108 बार राम नाम लिखकर बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाएं।
- सुबह और शाम घी का दीपक जलाएं।
- सभी देवी देवताओं की विशेष पूजा अर्चना करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)