नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश भर में फिलहाल आलिया भट्ट की फिल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” बॉलीवुड काफी ज्यादा चर्चा में रही और इसकी खूब आलोचना भी की गई। लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने “गंगूबाई काठियावाड़ी” फिल्म को निषेध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जेके महेश्वरी की बेंच ने गंगूबाई काठियावाड़ी के गोद लिए बेटे द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में निर्माताओं को “द माफिया क्वींस ऑफ मुंबई” या बॉलीवुड फिल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” नामक उपन्यास को छापने, प्रचार करने, बेचने, सौंपने आदि से रोकने की मांग की गई थी।
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याचिकाकर्ताओं ने इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में गंगूबाई काठियावाड़ी की प्रिंटिंग, प्रोमोटिंग, सेलिंग और असाइनिंग को रोकने की याचिका दर्ज की थी। लेकिन उसमें कुछ हाथ ना आने के बाद, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। याचिका कर्ताओं का कहना है कि, “मानहानि से संबंधित मामले में सुविधा का संतुलन हमेशा बदनाम व्यक्ति के पक्ष में होता है और ऐसे बदनाम व्यक्ति की प्रतिष्ठा की भरपाई पैसे के मामले में नहीं की जा सकती है।”
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बता दें कि, याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट अरुण कुमार सिन्हा, राकेश सिंह और सुमित सिन्हा इस सुनवाई के दौरान मौजूद थे। तो वही भंसाली प्रोडक्शन की तरफ से सीनियर एडवोकेट सी आर्यमा सुंदरम ने फिल्म की मुख्य किरदार की प्रशंसा की। सुंदरम ने कहा कि”यदि आपके प्रभुत्व ( worship) विकिपीडिया तक तक सीमित है, तो आप जाए। महिला के बारे में सब कुछ पहले से ही है। मैं क्या कर रहा हूँ? मैं सिर्फ महिला का महिमामंडन (glorify ) कर रहा हूँ,”