यौन शोषण मामले में पंगा गर्ल का अनुराग कश्यप पर निशाना, साथ ही ट्वीट किया अपना अनुभव

Gaurav Sharma
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मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। सुशांत सिंह सुसाइड़ केस के बाद से बॉलीवुड और उससे जुड़े लोग आए दिन सुर्खियों में बने हुए है। बॉलीवुड के जान माने निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप पर आज अदाकारा पायल घोष ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। पायल घोष ने ट्वीट के जरिए अनुराग कश्यप पर आरोप लगाते हुए कहा कि”अनुराग कश्यप ने मेरे साथ ज़बरदस्ती की. नरेंद्र मोदी जी आपसे अनुरोध है कि इनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कीजिए और देश को पता चले कि हक़ीक़त क्या है. मुझे पता है कि यह कहना मेरे लिए नुक़सानदेह है और मेरी सुरक्षा ख़तरे में है. कृपया मदद कीजिए.”

पायल घोष के ट्वीट के बाद पांग गर्ल कांगना रानौत ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया और अनुराग कश्यप पर निशाना साधा है। कंगना रनौत ने अपने ट्वीट में #MeToo हैशटैग लगाते हुए लिखा है, ”हर आवाज़ मायने रखती है. अनुराग कश्यप को गिरफ़्तार करो.”

 

आगे कांगना ने अनुराग कश्यप पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया कि ‘जहां तक मैं जानती हूं अनुराग ने खुद स्वीकार किया है कि वह एक समय में एक ही पार्टनर के साथ रिलेशनशिप में कभी नहीं रहे। यहां तक कि जब वह कुछ लोगों के साथ दांपत्य जीवन में थे, तब भी नहीं। जो अनुराग ने पायल के साथ किया वह बुलीवुड (बॉलीवुड) में आम बात है। बाहर से आकर स्ट्रगल करने वाली लड़कियों को सेक्स वर्कर्स की तरह ट्रीट करना उनके लिए नैचुरल है।’ कंगना ने यह एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा।

कंगना रनौत ने अपने अन्य ट्वीट में लिखा कि बॉलीवुड यौन शिकारियों से भरा है जो फेक और डमी मैरिज भी करते हैं. वे नई हॉट गर्ल की अपेक्षा करते हैं वो हर दिन उन्हें खुश करें. वे युवा कमजोर पुरुषों के लिए भी यही करते हैं.कंगना ने अपने अनुभव बताते हुए ट्वीट किया कि ‘पायल घोष ने जो कहा है, बहुत सारे बड़े हीरो ने उनके साथ भी यही काम किया है. जैसे कि रूम या वैन बंद होते ही अपने गुप्तांग को दिखाना या किसी पार्टी में डांस करते हुए मुंह में जीभ को ले जाना. काम के लिए घर पर आना और फिर उनके साथ जबरदस्ती करना.”

 

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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