चंडीगढ़, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार ने अपने 7th pay commission टीचिंग (teaching) और नॉन टीचिंग कर्मचारियों (non-teaching emmployees) के लिए बड़ी घोषणा की है। दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य भर के सहायता प्राप्त कॉलेजों में कार्यरत सेवानिवृत्त शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए मानदेय पेंशन में 5 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि हर साल 1 नवंबर 2021 से की जाएगी और इस फैसले से सहायता प्राप्त कॉलेजों के सभी सेवानिवृत्त शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि यह लंबे समय से सहायता प्राप्त कॉलेजों के सेवानिवृत्त शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की मांग थी। वर्तमान में सेवानिवृत्त प्राचार्य को रु. 30,000 रुपये प्रति माह, सेवानिवृत्त व्याख्याता को 25,000 रुपये प्रति माह, गैर-शिक्षण वर्ग-3 के कर्मचारियों को रुपये मिल रहे हैं।
Read More: अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाने इस बड़ी तैयारी में MP सरकार, नियम को दिया जा रहा अंतिम रूप
वर्तमान में रिटायर्ड प्रिंसिपल को 30 हजार रुपये, रिटायर्ड लेक्चरर को 25 हजार रुपये, नॉन टीचिंग क्लास-3 को 11 हजार रुपये और नॉन टीचिंग क्लास-4 को 6 हजार मासिक पेंशन मिल रही है, इन सभी की पेंशन में 5 प्रतिशत की प्रतिवर्ष की वृद्धि लागू होगी। कर्मचारियों को कल्पित पेंशन का लाभ दिया जाएगा। यह बढ़ोतरी बेसिक पेंशन पर प्रतिवर्ष होगी। हालांकि इन्हें कोई भी एरियर नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले 11 मई 1998 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को ही पेंशन दी जा रही थी। 1998 से पूर्व सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने 1 जनवरी 1988 से 10 मई 1998 तक सेवानिवृत हुए शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों को मानद पेंशन देने का निर्णय लिया।
वर्तमान में रिटायर्ड प्रिंसिपल को 30 हजार, रिटायर्ड लेक्चरर को 25 हजार, नॉन टीचिंग क्लास-3 को 11 हजार रुपये और नॉन टीचिंग क्लास-4 को 6 हजार रुपये मिल रहे हैं। इस पेंशन में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी बेसिक पेंशन पर प्रतिवर्ष होगी। इन्हें कोई भी एरियर नहीं दिया जाएगा।
— DPR Haryana (@DiprHaryana) November 20, 2021