भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP कर्मचारियों (MP Employees) के डीए में 11 फीसद की बड़ी बढ़ोतरी (DA Hike) करने के बाद अब शिवराज सरकार द्वारा 7th pay commission पेंशनर्स (MP Pensioners) को बड़ी राहत दी जा रही है। दरअसल मध्यप्रदेश के पौने चार लाख पेंशनर्स को केंद्र सरकार के बराबर DR दी जाएगी। यह जानकारी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा दी गई है। साथ ही वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि राज्य सरकार इस बात का भी परीक्षण करेगी कि छत्तीसगढ़ की सहमति के बिना इसे लागू किया जा सकता है अथवा नहीं। वित्त मंत्री मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर रहे थे। उन्होंने यह बड़ी जानकारी दी है।
इसके साथ ही 27 महीने के Arrears देने पर भी सीएम शिवराज से चर्चा के बाद निर्णय लिए जाने की बात वित्त मंत्री देवड़ा द्वारा कही गई है। माना जा रहा कि मध्य प्रदेश के कर्मचारी पेंशनर्स को एरियर्स का भी लाभ दिया जा सकता है।प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि संगठन को छत्तीसगढ़ सरकार पर भी दबाव बनाना चाहिए। MP पेंशनर्स के महंगाई राहत में वृद्धि रुकने की मुख्य वजह छत्तीसगढ़ सरकार है। कांग्रेस सरकार की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो रही है।
मध्य प्रदेश के Pensioners से लंबे समय से पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे। जिसके बाद वित्त मंत्री देवड़ा से आश्वासन मिलने के बाद पेंशनर्स को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे पहले 5 मार्च को मध्यप्रदेश के कर्मचारियों के डीए में 11 फीसद बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। जिसके बाद अब मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को भी केंद्र के समान दिए वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। हालांकि मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को अभी 17 फीसद DR उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिसे अब जल्द बढ़ाया जा सकता है।
वहीं इसे बढ़ाकर 31 फीसद करने की तैयारी की जा रही है। वही DR बढ़ने से प्रदेश के साडे चार लाख पेंशनर्स को बड़ा फायदा मिलेगा। इससे पहले जुलाई 2021 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डीए में 5 फीसद की बढ़ोतरी की गई थी जबकि मध्य प्रदेश सरकार से बढ़ाकर 8 फीसद किया गया था। जिसे 3 फीसद के अंतर आ गए थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 जुलाई 2021 को 5 फीसद महंगाई भत्ते में वृद्धि करके DR में वृद्धि के लिए सहमति पत्र प्रदेश सरकार के पास भेजे थे।
जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अक्टूबर को 8 फीसद महंगाई भत्ते में वृद्धि का ऐलान किया था। 3% के अंतर होने की वजह से महंगाई राहत का मामला बीच में ही अटक गया था। जिसके बाद से छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति मांगी जा रही है। वही सहमति मिलने के बाद ही मध्य प्रदेश पेंशनर्स के महंगाई राहत में वृद्धि की जा सकेगी। इस बीच राज्य सरकार बीच का रास्ता भी तलाश रही है। जहां छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के बिना भी पेंशनर्स को पेंशन राशि की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इस पर परीक्षण किया जा रहा है।
बता दे कि साल 2000 में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के बंटवारे के बाद नियम के तहत यह तय किया गया था कि जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्हें पेंशन में खर्च होने वाली राशि का 74% हिस्सा मध्य प्रदेश सरकार जबकि 26% हिस्सा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। जिसके बाद महंगाई राहत में हो रही वृद्धि के लिए दोनों राज्य सरकारों की सहमति अत्यावश्यक हो जाती है।